सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संसद भवन में पत्रकारों से बोला: यूपी की जनता को ‘योगी सरकार’ नहीं ‘योग्य सरकार’ चाहिये

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन संसद भवन में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यूपी की जनता को ‘योगी सरकार’ नहीं बल्कि ‘योग्य सरकार’ की आवश्यकता है। डाइनामाइट न्यूज पर पूरी खबर:

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 29 November 2021, 3:41 PM IST
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नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन संसद भवन में पत्रकारों से बातचीत की। इसमें अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी की जनता को 'योगी सरकार' नहीं बल्कि 'योग्य सरकार' की आवश्यकता है। यूपी की जनता इस समय योग्य सरकार बनाने जा रही है।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर हम कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन के दौरान शहीद किसानों के प्रत्येक परिवार को 25 लाख रूपये की आर्थिक मदद देंगे।

कुशीनगर और देवरिया में योगी सरकार द्वारा चीनी मिल लगाये जाने की घोषणा संबंधी डाइनामाइट न्यूज़ के सवाल के जबाव में अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता को 'योगी सरकार' नहीं बल्कि 'योग्य सरकार' चाहिये। अगली बार यूपी की जनता योग्य सरकार चुनेगी। डाइनामाइट न्यूज़ के सवाल के जबाव में अखिलेश यादव ने कहा कि किसानों की मदद के लिये एमएसपी पर सरकार को कानून बनाना चाहिये।  

सोमवार को संसद में शीतकालीन सत्र के पहले दिन गेट नंबर 1 पर अखिलेश यादव (फोटो:डाइनामाइट न्यूज़)

संसद भवन अखिलेश यादव ने इस इंटरव्यू में कहा कि पहले भारतीय जनता पार्टी कह रही थी कि तीनों कृषि कानून किसानों के हक में हैं लेकिन अब सरकार ने इसे वापस ले लिया है। सरकार को बताना चाहिये कि ये कानून पहले किसानों के हक में थे या अब है। उन्होंने कहा की भाजपा के लिये वोट सबसे बड़ी चीज है। भाजपा को कानून हटाने से वोट मिलेगा तो कानून हटा देंगे। कानून लाने से वोट मिलेगा तो कानून ला देंगे। उनके लिये वोट सब कुछ है। 

कृषि कानूनों को वापस लेने के सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ये दावा करती रही कि किसानों की आय दोगुनी होगी। सरकार को ये बताना चाहिये कि जिस समय किसानों ने आंदोलन छेड़ा, उस समय भाजपा का क्या स्टैंड था और आज जब भाजपा ने तीनों कानूनों को वापस से लिये हैं तो अब वे किसान के पक्ष में कैसे हो गये। भाजपा को बहस कर बताना चाहिये कि पहले इन कानूनों में क्या खराब था या क्या अच्छा था और अब क्या खराब है, जिसकी वजह से इसे वापस लिया गया। विपक्ष को कम से कम अपनी बात कहने का मौका दिया जाना चाहिये था।

अखिलेश यादव ने कहा कि देश जानना चाहता है कि आखिर भाजपा तब क्यों कह रही थी ये तीनों कृषि कानून किसानों के हक में है और आज वे कानून किसान के हक में नहीं है, इसलिये वापस लिये गये। ऐसे कैसे हुआ, भाजपा को ये सब देश की जनता को बताना चाहिये।   

अखिलेश यादव ने कहा किसान आंदोलन के दौरान लगभग 700 किसान शहीद हुए हैं। आखिर उनके परिवार की कौन मदद करेगा। समाजवादी पार्टी ने तो तय किया है कि उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार बनेगी तो 25 लाख रूपये प्रति परिवार के हिसाब से शहीद किसान परिवारों की मदद की जायेगी। आज इस पर बहस की जरूरत है। 

अखिलेश यादव ने कहा कि मोदी सरकार ने नोटबंदी का फैसला भी उत्तर प्रदेश चुनाव के मद्देनजर किया था। भारतीय जनता पार्टी को बताना चाहिये क्या नोटबंदी के वे परिणाम मिले हैं, जिनके दावे तब सरकार और भाजपा कर रही थी।

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