

दिल्ली उच्च न्यायालय ने निज़ामुद्दीन की बावली और बाराखंभा मकबरे के पास अनधिकृत निर्माण को रोकने में विफल रहने के लिए पुलिस और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की मंगलवार को खिंचाई की। ये स्मारक केंद्र द्वारा संरक्षित हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने निज़ामुद्दीन की बावली और बाराखंभा मकबरे के पास अनधिकृत निर्माण को रोकने में विफल रहने के लिए पुलिस और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की मंगलवार को खिंचाई की। ये स्मारक केंद्र द्वारा संरक्षित हैं।
उच्च न्यायालय ने एमसीडी और अन्य अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि दोनों स्मारकों के पास स्थित 'अनधिकृत गेस्ट हाउस' में आगे कोई निर्माण न हो।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक अदालत ने कहा कि पुलिस और नगर निकाय के अधिकारियों की मिलीभगत के बिना यह निर्माण संभव नहीं है और अदालत मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने पर विचार कर सकती है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने मौखिक रूप से कहा, 'प्रथम दृष्टया, हमारा विचार है कि इस मामले में सीबीआई जांच की जरूरत है।'
उच्च न्यायालय गैर सरकारी संगठन जामिया अरबिया निज़ामिया वेलफेयर एजुकेशन सोसाइटी की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
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