दिल्ली उच्च न्यायालय ने दी रामलीला आयोजन की अनुमति,सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधि भी महत्वपूर्ण
दिल्ली उच्च न्यायालय ने जनकपुरी में एक मैदान में रामलीला के आयोजन की अनुमति देते हुए कहा कि ताजी हवा और स्वस्थ पर्यावरण उत्तरजीविता के लिए जीवन रेखा है, लेकिन सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों के महत्व की अनदेखी या उपेक्षा नहीं की जा सकती है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने जनकपुरी में एक मैदान में रामलीला के आयोजन की अनुमति देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि ताजी हवा और स्वस्थ पर्यावरण उत्तरजीविता के लिए जीवन रेखा है, लेकिन सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों के महत्व की अनदेखी या उपेक्षा नहीं की जा सकती है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की खंडपीठ ने उद्यानों में ऐसे आयोजनों के कारण फैलने वाले प्रदूषण, सड़कों पर भीड़ और पेड़ों को भारी नुकसान की चिंताओं का समाधान करते हुए कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए एक व्यवस्था हो कि ये कार्यक्रम नियंत्रित तरीके से हों तथा पर्यावरण को भी कोई नुकसान न पहुंचे।
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खंडपीठ ने एक आदेश में कहा, ‘‘वैसे तो यह दोहराने की जरूरत नहीं है कि ताजी हवा, ऑक्सीजन और स्वस्थ पर्यावरण लोगों की उत्तरजीविता के लिए जीवनरेखा है, लेकिन सामाजिक प्राणी होने के नाते सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियां मानव सह-अस्तित्व के लिए समान रूप से अनिवार्य अंग है।’’
पीठ ने कहा, ‘‘इन सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों की महत्ता की अनदेखी नहीं की जा सकती है, लेकिन यहां चिंता की बात यह नहीं है कि इन गतिविधियों पर रोक लगा दी जाए, बल्कि एक ऐसी व्यवस्था बनायी जाए ताकि कार्यक्रम नियंत्रित तरीके से हो तथा पर्यावरण को कोई नुकसान न पहुंचे।’’
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इस मामले में श्री रामलीला समिति, जनकपुरी ने संबंधित मैदान पर सार्वजनिक कार्यक्रम के विरुद्ध एकल न्यायाधीश के फैसले का विरोध करते हुए पीठ से कहा कि वे वहां डीडीए से उचित अनुमति के बाद पिछले 30 सालों से दशहरा मना रहे हैं।