दिल्ली आबकारी ‘घोटाला’ : उच्चतम न्यायालय ने कारोबारी समीर महेंद्रू की जमानत अर्जी खारिज की
उच्चतम न्यायालय ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में शराब कारोबारी समीर महेंद्रू की जमानत याचिका खारिज कर दी है। कारोबारी ने स्वास्थ्य आधार पर जमानत का अनुरोध किया था। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में शराब कारोबारी समीर महेंद्रू की जमानत याचिका खारिज कर दी है। कारोबारी ने स्वास्थ्य आधार पर जमानत का अनुरोध किया था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एस.वी.एन. भट्टी की पीठ ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली की रिपोर्ट पर गौर किया जिसमें कहा गया कि महेंद्रू किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित नहीं हैं।
शीर्ष अदालत ने 11 दिसंबर को एम्स से महेंद्रू की स्वास्थ्य जांच के लिए एक मेडिकल बोर्ड गठित करने को कहा था।
आरोपी ने दावा किया था कि वह पीठ और घुटने की समस्याओं सहित विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हैं।
यह भी पढ़ें |
सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी से मांगा जवाब, जानिये सत्येंद्र जैन की जमानत अर्जी पर ये अपडेट
पीठ ने एम्स से यह भी पूछा था कि वह अपनी रिपोर्ट में यह बताए कि क्या उन्हें किसी इलाज की जरूरत है और क्या यह जेल में उपलब्ध कराया जा सकता है।
पीठ ने 15 दिसंबर को मेडिकल रिपोर्ट पर विचार करते हुए महेंद्रू की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे से कहा, ‘‘अब, हमारे पास एम्स की एक रिपोर्ट है। इसमें कहा गया है कि कुछ भी गंभीर नहीं है।’’
दवे ने जवाब दिया, ‘‘यह किस तरह की रिपोर्ट है? चिकित्सकों ने एमआरआई स्कैन किए बिना ही अपनी रिपोर्ट दे दी है।’’
पीठ ने दवे से दो टूक शब्दों में कहा कि वह प्रतिष्ठित अस्पताल की रिपोर्ट पर संदेह नहीं कर सकती।
यह भी पढ़ें |
Delhi Excise Policy: सुप्रीम कोर्ट से शराब कारोबारी समीर महेंद्रू को मिला झटका, जानिये ये बड़ा अपडेट
पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हम अपने निर्णय में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं और इसलिए विशेष अनुमति याचिका खारिज की जाती है। हम यह स्पष्ट करते हैं कि आक्षेपित निर्णय और वर्तमान विशेष अनुमति याचिका को खारिज करने का मामले में नियमित जमानत के आवेदन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।’’
उच्चतम न्यायालय मामले में जमानत देने से इनकार करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के 19 अक्टूबर के आदेश के खिलाफ महेंद्रू की अपील पर सुनवाई कर रहा था।