रक्षा सहयोग: अमेरिकी कमानों में संपर्क अधिकारियों की नियुक्ति करेगा भारत

डीएन ब्यूरो

रक्षा सहयोग बढ़ाने और महत्वपूर्ण सूचना साझा करने की प्रक्रिया को और मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन अमेरिकी कमानों में तीन संपर्क अधिकारियों की नियुक्ति पर सहमत हुए हैं।

रक्षा सहयोग (फाइल)
रक्षा सहयोग (फाइल)


वाशिंगटन: रक्षा सहयोग बढ़ाने और महत्वपूर्ण सूचना साझा करने की प्रक्रिया को और मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन अमेरिकी कमानों में तीन संपर्क अधिकारियों की नियुक्ति पर सहमत हुए हैं।

अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ ने बाइडन और मोदी के बीच शिखर वार्ता के बाद बृहस्पतिवार को कहा कि अमेरिका और भारत ने उन तरीकों को अपनाने की दिशा में कदम आगे बढ़ाया है जिनसे दोनों देश अपने रक्षा सहयोग को बढ़ा सकते हैं।

व्हाइट हाउस ने कहा कि दोनों देशों ने पहली बार अमेरिकी कमानों में तीन भारतीय संपर्क अधिकारियों को रखने का समझौता किया है जो ‘‘हमारी साझेदारी को गहरा करेगा और महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने में मदद करेगा।’’

उसने कहा कि अमेरिका और भारत ने आपूर्ति व्यवस्था की सुरक्षा और पारस्परिक रक्षा खरीद व्यवस्था के लिए भी बातचीत शुरू की है, जो आपूर्ति श्रृंखला में अप्रत्याशित बाधा आने की स्थिति में रक्षा सामान की आपूर्ति को सक्षम बनाएगी।

उन्होंने एक रक्षा औद्योगिक खाके को अंतिम रूप दिया, जो रक्षा उद्योगों को नीतिगत दिशा प्रदान करता करेगा और उन्नत रक्षा प्रणालियों के सह-उत्पादन के साथ-साथ सहयोगात्मक अनुसंधान और परीक्षण को सक्षम बनाएगा जिससे सैन्य शक्ति का भविष्य निर्धारित होगा।

वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त बयान के अनुसार, राष्ट्रपति बाइडन और प्रधानमंत्री मोदी ने सेनाओं के बीच मजबूत संबंधों, साजो सामान के मामले में परस्पर सहयोग और मूलभूत समझौतों के कार्यान्वयन को सुव्यवस्थित करने के प्रयासों की सराहना की।

संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘‘दोनों नेताओं ने उल्लेख किया कि सूचना साझा करने और एक-दूसरे के सैन्य संगठनों में संपर्क अधिकारियों की नियुक्ति से संयुक्त सेवा सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने समुद्री सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के अपने संकल्प को भी दोहराया।’’

बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने अंतरिक्ष और कृत्रिम बुद्धिमत्ता सहित नए रक्षा क्षेत्रों में संवाद शुरू करने का स्वागत किया, जो क्षमता निर्माण, ज्ञान और विशेषज्ञता को बढ़ाएगा।

 










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