Cricket: नहीं रहे जिम्बाब्वे के दिग्गज क्रिकेटर हीथ स्ट्रीक, वाइफ ने भावुक पोस्ट शेयर कर दी जानकारी

डीएन ब्यूरो

जिंबाब्वे के पूर्व क्रिकेट कप्तान हीथ स्ट्रीक का लंबे समय तक कैंसर से जूझने के बाद रविवार को निधन हो गया। उनके परिवार में सोशल मीडिया पर इसकी पुष्टि की। वह 49 वर्ष के थे। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

जिम्बाब्वे के दिग्गज क्रिकेटर हीथ स्ट्रीक
जिम्बाब्वे के दिग्गज क्रिकेटर हीथ स्ट्रीक


हरारे: जिंबाब्वे के पूर्व क्रिकेट कप्तान हीथ स्ट्रीक का लंबे समय तक कैंसर से जूझने के बाद रविवार को निधन हो गया। उनके परिवार में सोशल मीडिया पर इसकी पुष्टि की। वह 49 वर्ष के थे।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जिंबाब्वे की तरफ से 1993 से लेकर 2005 तक 65 टेस्ट और 189 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेलने वाले स्ट्रीक लंबे समय से यकृत के कैंसर से जूझ रहे थे।

स्ट्रीक की पत्नी नादिन ने फेसबुक पर लिखा,‘‘आज सुबह रविवार तीन सितंबर 2023 को तड़के मेरे जीवन के सबसे बड़ा प्यार और मेरे खूबसूरत बच्चों के पिता को उनके घर से एन्जिल्स के साथ ले जाया गया। वह अपने घर में थे जहां वह अपने परिवार और निकटतम प्रियजनों के साथ अपने आखिरी दिन बिताना चाहते थे।’’

नादिन ने कहा, ‘‘वह प्यार और शांति से सराबोर थे और वह अकेले नहीं निकले। स्ट्रीकी हमारी आत्माएं अनंत काल के लिए एक हो गई हैं। जब तक कि मैं तुम्हें फिर से अपने आगोश में नहीं भर लेती।’’

जिंबाब्वे के पूर्व तेज गेंदबाज हेनरी ओलोंगा ने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर स्ट्रीक के निधन की घोषणा की थी लेकिन अपने पूर्व कप्तान से संदेश मिलने के बाद उन्होंने कुछ घंटों में ही इसका खंडन कर दिया था। तब तक हालांकि कई पूर्व क्रिकेटरों ने अपने शोक संदेश जारी कर दिए थे।

ओेलोंगा ने रविवार को एक्स ( पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,‘‘आरआईपी स्ट्रीकी।’’

स्ट्रीक ने टेस्ट क्रिकेट में 216 विकेट लिए तथा बल्लेबाजी में 1990 रन बनाए जिसने एक शतक और 11 अर्धशतक शामिल हैं। उन्होंने 189 वनडे में 239 विकेट हासिल किए तथा 13 अर्धशतकों की मदद से 2943 रन बनाए। वह टेस्ट और वनडे में जिंबाब्वे की तरफ से सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं।

स्ट्रीक ने 68 वनडे में कप्तानी की जिनमें से जिंबाब्वे ने 18 मैचों में जीत दर्ज की जबकि 47 मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा। तीन मैचों का कोई परिणाम नहीं निकला।

स्ट्रीक ने 21 टेस्ट मैचों में भी जिंबाब्वे की कप्तानी की, जिनमें से चार मैचों में उन्हें जीत मिली जबकि 11 मैचों में हार का सामना करना पड़ा। छह मैच ड्रॉ समाप्त हुए।










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