अदालत ने एक महिला को जिंदा जलाने के मामले में पति और दो ननदों को दोषी ठहराया
महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने एक महिला के उत्पीड़न और जलाकर मार डालने के लिए उसके पति और दो ननदों को दोषी ठहराते हुए सश्रम कारावास की सजा सुनाई। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने एक महिला के उत्पीड़न और जलाकर मार डालने के लिए उसके पति और दो ननदों को दोषी ठहराते हुए सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक अतिरिक्त जिला न्यायाधीश प्रणयकुमार मोहन गुप्ता ने तीनों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304(आई) (गैर-इरादतन हत्या) के तहत दोषी पाया।
पांच अक्टूबर को पारित इस आदेश की प्रति रविवार को उपलब्ध कराई गई।
अदालत ने नसरुद्दीन नूरुद्दीन खान (27) और उसकी बड़ी बहन ताहिरा (29) को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई, जबकि उसकी छोटी बहन जरीना शाहरुख खान (25) को पांच साल कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है।
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तीनों पर दो-दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
अतिरिक्त लोक अभियोजक वर्षा चंदाने ने अदालत को बताया कि पीड़िता अमीना नसरुद्दीन खान ने 2017 में नसरुद्दीन से शादी की थी, जिसके बाद से ही उसे पति और उसकी ननदों द्वारा परेशान किया जा रहा था।
उन्होंने बताया कि 29 अप्रैल, 2018 की सुबह आरोपियों का पीड़िता से झगड़ा हुआ और उन्होंने उसके (पीड़िता के) साथ गाली-गलौज की तथा उसे मारा-पीटा।
उन्होंने बताया कि इसके बाद ताहिरा ने पीड़िता पर मिट्टी का तेल डाला और जरीना ने नसरुद्दीन से उसे (पीड़िता को) आग लगाने को कहा।
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अभियोजक ने अदालत को बताया कि आग में पीड़िता गंभीर रूप से झुलस गई तथा तीन मई को अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष के 10 गवाहों से पूछताछ की गई।