अदालत ने एएसआई को तुगलकाबाद किले से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया

डीएन ब्यूरो

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ऐतिहासिक तुगलकाबाद किले से अतिक्रमण चार सप्ताह के भीतर हटाने का निर्देश देते हुए कहा कि वह इस मुद्दे पर मूकदर्शक नहीं रह सकता।

अदालत (फ़ाइल)
अदालत (फ़ाइल)


नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ऐतिहासिक तुगलकाबाद किले से अतिक्रमण चार सप्ताह के भीतर हटाने का निर्देश देते हुए कहा कि वह इस मुद्दे पर 'मूकदर्शक' नहीं रह सकता।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने तुगलकाबाद किले में व्यापक पैमाने पर अतिक्रमण के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए चेतावनी दी कि इसके निर्देशों का अनुपालन नहीं करने पर वह एएसआई निदेशक, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) आयुक्त, एसडीएम और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों सहित शीर्ष अधिकारियों की व्यक्तिगत उपस्थिति का आदेश देगी।

पीठ ने कहा कि 2016 में उच्चतम न्यायालय ने क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के लिए एक आदेश पारित किया था और एएसआई ने पहले ही किले के भीतर विभिन्न संरचनाओं को लेकर 1248 नोटिस चस्पा कर रखे हैं।

यह भी पढ़ें | Allahabad High Court: सुपीम कोर्ट ने की इलाहाबाद हाई कोर्ट में 10 न्यायाधीशों की नियुक्त की सिफारिश

इसने कहा, ‘‘यह अदालत मूकदर्शक नहीं हो सकती है (जब शीर्ष अदालत द्वारा आदेश पारित किया गया है)। एएसआई को अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाता है और संबंधित एसडीएम और एमसीडी अतिक्रमण हटाने के लिए सभी रसद सहायता प्रदान करेंगे..मामले को चार सप्ताह बाद सूचीबद्ध करें।’’

एएसआई ने अन्य प्राधिकारियों के असहयोग के कारण अवैध ढांचों को हटाने में अपनी असमर्थता अदालत के समक्ष व्यक्त की। अदालत ने एमसीडी और एसडीएम के अलावा दिल्ली पुलिस को भी अतिक्रमण हटाने में एएसआई को जरूरी सहयोग देने को कहा।

अदालत ने कहा कि अनुपालन नहीं होने की स्थिति में दिल्ली नगर निगम के आयुक्त, एएसआई निदेशक, पुलिस आयुक्त और एसडीएम को पेश होने का निर्देश दिया जाएगा।

यह भी पढ़ें | एनएसई फोन टैपिंग में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त की जमानत अर्जी पर ED को नोटिस, जानिये पूरा मामला

पिछले साल 24 नवंबर को, उच्च न्यायालय ने एएसआई को तुगलकाबाद किले में और इसके आसपास से अतिक्रमण हटाने के लिए 'अंतिम रियायत' के रूप में छह सप्ताह का समय दिया था।

मामले की अगली सुनवाई 26 मई को होगी।










संबंधित समाचार