यूपी में नकल माफियाओं को लेकर सीएम योगी का बड़ा बयान, जानिये क्या कहा

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परीक्षाओं में नकल कराने वाले माफिया तत्वों को समाज का 'सबसे बड़ा दुश्मन' करार देते हुए बुधवार को कहा कि 2017 में उनकी सरकार बनने से पहले ‘यूपी बोर्ड’ नकल के लिए बदनाम था लेकिन उनकी सरकार ने हालात को पूरी तरह बदल डाला है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ


लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परीक्षाओं में नकल कराने वाले माफिया तत्वों को समाज का 'सबसे बड़ा दुश्मन' करार देते हुए बुधवार को कहा कि 2017 में उनकी सरकार बनने से पहले ‘यूपी बोर्ड’ नकल के लिए बदनाम था लेकिन उनकी सरकार ने हालात को पूरी तरह बदल डाला है।

उन्होंने यहां आयोजित मेधावी विद्यार्थियों के सम्मान एवं टैबलेट वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ' 2017 से पहले ‘यूपी बोर्ड’ नकल के लिए बदनाम था। हमारी सरकार ने नकल विहीन परीक्षा व्यवस्था लागू की।'

उन्होंने कहा, 'नकल माफिया समाज के सबसे बड़े दुश्मन हैं। नकल कराकर शिक्षण संस्थानों को अपवित्र करने वाले नकल माफिया का सामाजिक बहिष्कार किया जाना चाहिए। प्रशासन भी नकल माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।'

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा , ‘‘ पूर्ववर्ती सरकारों में प्रदेश में तीन महीने तक परीक्षाएं होती थीं, उसके बाद दो से तीन महीने में परिणाम आते थे तथा तीन महीने अगली कक्षा के प्रवेश में लग जाते थे। अगला तीन महीने का समय पर्व और त्योहारों में चला जाता था एवं शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई के लिए कम ही वक्त मिलता था। लेकिन भाजपा शासन में बोर्ड ने ऐसा पहली बार किया है कि 15 दिन के अंदर परीक्षा हुई है और 14 दिन के अंदर परिणाम भी आ गया।’’ इस मौके पर प्रदेश भर के कुल 1745 मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। साथ ही 18 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के भवनों और 125 विज्ञान प्रयोगशालाओं का लोकार्पण भी किया गया।

मुख्यमंत्री ने विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं में सफलता हासिल करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी।

उन्होंने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश के विद्यालयों में पर्याप्त संख्या में शिक्षक नहीं थे लेकिन उनकी सरकार ने छह वर्ष में बेसिक और माध्यमिक शिक्षा परिषद के एक लाख 62 हजार से अधिक शिक्षकों की पारदर्शी तरीके से चयन की प्रक्रिया को पूरी करते हुए उन्हें नियुक्ति दी है, इतने सरकारी शिक्षकों की नियुक्ति देश में कहीं और नहीं हुई है।










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