सर्दियों के दौरान प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए केंद्र की कार्य योजना आज से लागू

डीएन ब्यूरो

दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सर्दियों के दौरान प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तैयार श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) आज से लागू हो गई। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए केंद्र की कार्य योजना आज से लागू
प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए केंद्र की कार्य योजना आज से लागू


नयी दिल्ली: दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सर्दियों के दौरान प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तैयार श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) आज से लागू हो गई।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए जिम्मेदार स्वायत्त निकाय, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने जीआरएपी में पिछले साल और इस वर्ष जुलाई में कुछ अहम बदलाव किए हैं।

नये बदलावों के तहत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 200 के पार जाते ही पुराने वाहनों पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू किया जाएगा और होटल-रेस्तरां में कोयला एवं लकड़ी के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग जाएगा।

इसी तरह, एक्यूआई 400 के पार जाते ही दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में बीएस-3 मानक के पेट्रोल और बीएस-4 मानक के डीजल वाहनों पर रोक लग जाएगी।

सीएक्यूएम एक कानूनी निकाय है, जिसकी स्थापना 2021 के अधिनियम के तहत की गई थी। आयोग तीन दिन पहले के पूर्वानुमान के आधार पर प्रदूषण रोधी उपायों को सक्रियता से लागू करता है।

इससे पहले, प्राधिकारी प्रदूषण के एक सीमा तक बढ़ने के बाद ही निर्माण एवं ध्वस्तीकरण गतिविधियों, उच्च उत्सर्जन वाले वाहनों के प्रवेश और कोयला तथा लकड़ी जलाने पर रोक लगाने जैसे उपाय लागू करते थे।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के लिए जीआरएपी को दिल्ली में प्रतिकूल वायु गुणवत्ता के चार चरणों के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है : पहला चरण-‘खराब’ (एक्यूआई 201-300), दूसरा चरण-‘बहुत खराब’ (एक्यूआई 301-400), तीसरा चरण-‘गंभीर’ (एक्यूआई 401-450) और चौथा चरण-‘अत्यधिक गंभीर’ (एक्यूआई 450 से ज्यादा)।

संशोधित जीआरएपी में पहले चरण के तहत पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर उच्चतम न्यायालय तथा राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के आदेशों को सख्ती से लागू करने की सिफारिश की गई है।

इसमें एक्यूआई के 200 के पार जाते ही होटलों और रेस्तरां में कोयला तथा लकड़ी जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध का आह्वान किया गया है। पहले, प्राधिकारी दूसरे चरण के तहत इस उपाय को लागू करते थे।

सीएक्यूएम ने संशोधित जीआरएपी के तहत तीसरे चरण में पांचवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का भी सुझाव दिया है।

एक्यूआई के 450 के पार जाते ही इलेक्ट्रिक और सीएनजी तथा बीएस-4 डीजल वाहनों के अलावा दिल्ली के बाहर पंजीकृत चारपहिया वाहनों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि, आवश्यक सामान या आवश्यक सेवाओं वाले वाहनों को इसमें छूट दी जाएगी।

जीआरएपी के विभिन्न चरणों के तहत पहले से मौजूद सभी अन्य उपाय ऐसे ही जारी रहेंगे।

सीएक्यूएम ने शनिवार को कहा कि दिल्ली-एनसीआर में इस वर्ष एक जनवरी से 30 सितंबर के बीच औसत एक्यूआई 167 रहा, जो बीते छह साल में इस अवधि में दूसरा सबसे अच्छा एक्यूआई है।

इस अवधि में बेहतर वायु गुणवत्ता महामारी से प्रभावित वर्ष 2020 के दौरान दर्ज की गई थी। वर्ष 2022, 2021, 2019 और 2018 में इस अवधि में औसत एक्यूआई 180 से 193 के बीच था।

सीएक्यूएम ने आपात सेवाओं की नौ अहम श्रेणियों में डीजल जनरेटर के इस्तेमाल के लिए तीन महीने की छूट भी दी है, जिससे एनसीआर में आवश्यक क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति में व्यवधान की चिंताएं कम हो गई हैं।

उसने पहले कहा था कि सर्दियों में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए डीजल जनरेटर पर लागू प्रतिबंध के दायरे में आवश्यक सेवाएं भी आएंगी।










संबंधित समाचार