सीबीआई ने पश्चिम बंगाल नगर निकाय भर्ती घोटाला मामले में प्राथमिकी दर्ज की, जानिये पूरा अपडेट

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर पश्चिम बंगाल की विभिन्न नगर पालिकाओं में अलग-अलग पदों पर भर्ती में कथित घोटाले के मामले में प्राथमिकी दर्ज की है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 25 April 2023, 4:44 PM IST
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नयी दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर पश्चिम बंगाल की विभिन्न नगर पालिकाओं में अलग-अलग पदों पर भर्ती में कथित घोटाले के मामले में प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

उच्च न्यायालय ने 21 अप्रैल को आदेश जारी किया और अगले दिन केंद्रीय जांच ब्यूरो ने प्राथमिकी दर्ज की।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अधिकारियों ने कहा कि संघीय जांच एजेंसी ने अयान सिल और उनकी कंपनी एबीएस इंफोजोन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ प्रतिभागियों के अंकों में कथित हेरफेर को लेकर मामला दर्ज किया है। इस कंपनी के पास ओएमआर शीट की छपाई और मूल्यांकन का जिम्मा था।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य में स्कूली शिक्षकों की नियुक्तियों में रिश्वत के आरोपों की जांच करते हुए पश्चिम बंगाल की नगरपालिकाओं में विभिन्न पदों पर भर्ती में कथित घोटाले की ओर इशारा किया था।

उसने अपनी रिपोर्ट कलकत्ता उच्च न्यायालय को सौंपी थी जिसने उस पर संज्ञान लिया।

ईडी ने दावा किया था कि स्कूल नौकरी रिश्वत घोटाला मामले में शामिल अयान सिल सहित एजेंट विभिन्न नगर पालिकाओं में लिपिक, चपरासी, सफाई कर्मचारी और वाहन चालकों की भर्ती में भी कथित रूप से शामिल थे।

कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने नगरपालिका भर्ती घोटाला मामले की जांच सीबीआई को करने का आदेश दिया था। उच्च न्यायालय ने सीबीआई को इस आदेश के आधार पर उठाए गए कदमों के बारे में 28 अप्रैल को एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था।

न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा अनुरोध किए जाने पर नगरपालिका भर्ती में कथित घोटाले की जांच में सीबीआई और ईडी की सहायता करने का निर्देश दिया था।

ईडी ने कहा था कि कथित नगरपालिका भर्ती घोटाले की भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत निर्धारक एजेंसी (सीबीआई) द्वारा जांच के लिए एक अलग प्राथमिकी की आवश्यकता होगी।

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