Caste Based Census in Bihar: बिहार बना देश का पहला राज्य, जाति आधारित जनगणना की शुरू, जानिये पूरी योजना

डीएन ब्यूरो

जाति आधारित जनगणना को लेकर केंद्रीय सत्ता और विपक्ष के बीच चल रहे खींच-तान के बीच नीतीश सरकार ने बिहार में जाति और आर्थिक गणना का काम शुरू कर दिया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

बिहार जातिगत जनगणना कराने वाला पहला राज्य बना
बिहार जातिगत जनगणना कराने वाला पहला राज्य बना


पटना: जाति आधारित जनगणना के प्रस्ताव को लेकर केंद्र सरकार, कुछ राज्यों और विपक्ष के बीच जारी खींच-तान के बीच बिहार में शनिवार से जाति जनगणना शुरू हो गई है। बिहार जातिगत जनगणना का काम दो चरणों में होना है, जिसके पहला चरण की शुरुआत शनिवार को हो गई है। इसके साथ ही बिहार जाति जनगणना करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।

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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक बिहार में नीतीश कुमार सरकार द्वारा जाति आधारित जनगणना दो चरणों में राज्य के सभी 38 जिलों में किया जाना है। पहले चरण में मकानों की गिनती होगी। उसके बाद जाति आधारित गणना और आर्थिक स्थिति का सर्वेक्षण का काम होगा। पहला चरण 07 जनवरी से 21 जनवरी तक होगा जबकि दूसरा चरण 01 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलेगा।  

बिहार सरकार द्वारा जातिगत जनगणना में कुल 26 प्रकार की जानकारी जुटाई जाएगी। इसमें राज्य में मौजूद सभी जातियों, उप-जातियों की गणना के साथ उनके सामाजिक-आर्थिक स्थितियों से संबंधित आंकड़े भी जुटाये जाएंगे। सर्वे में 38 जिलों में अनुमानित 2.58 करोड़ घरों में 12.70 करोड़ की अनुमानित आबादी शामिल होगी, जिसमें 534 ब्लॉक और 261 शहरी स्थानीय निकाय हैं. सर्वे का काम 31 मई, 2023 तक पूरा होगा। सर्वे का दूसरा चरण 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक होने की संभावना है।

जाति जनगणना के शुरू होने के साथ ही उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि जनगणना की कवायद सरकार को वैज्ञानिक रूप से विकास कार्य करने में सक्षम बनाएगी और यह राज्य की गरीब आबादी के हित में होगा। यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी नहीं चाहती है कि इस तरह का कोई सर्वे देश में कराया जाए।

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गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा कराए जाने वाले जनगणना में इस तरह की कवायद से इनकार करने के महीनों बाद बिहार कैबिनेट ने पिछले साल 2 जून को जातिगत जनगणना कराने का फैसला लिया था।










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