Road Accident: स्पीडिंग ट्रक की टक्कर से बस में लगी आग, 13 लोगों की जिंदा जलकर मौत, जानिये गुना हादसे पर ये बड़ा खुलासा

मध्य प्रदेश के गुना जिले में डंपर ट्रक से टक्कर के बाद एक निजी बस में आग लगने की घटना में मरने वालों की संख्या बृहस्पतिवार को बढ़कर 13 हो गई। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 29 December 2023, 12:12 PM IST
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गुना: मध्य प्रदेश के गुना जिले में डंपर ट्रक से टक्कर के बाद एक निजी बस में आग लगने की घटना में मरने वालों की संख्या बृहस्पतिवार को बढ़कर 13 हो गई।

एक अधिकारी ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त बस के पास रूट पर चलने का परमिट नहीं था और न ही फिटनेस प्रमाणपत्र था। उनके मुताबिक, इसके मालिक ने कुछ समय पहले इसका पंजीकरण रद्द करने के लिए आवेदन किया था।

घटना को गंभीरता से लेते हुए, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कथित लापरवाही के लिए एक स्थानीय परिवहन अधिकारी और गुना के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निलंबित करने की घोषणा की और राज्य परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा, जिला कलेक्टर तरुण राठी और पुलिस अधीक्षक (एसपी) विजय खत्री के स्थानांतरण का भी आदेश दिया।

बुधवार रात करीब नौ बजे गुना-आरोन रोड पर डंपर से टकराने के बाद बस पलट गई और उसमें आग लग गई।

अनुविभागीय दंडाधिकारी दिनेश सांवले ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि बृहस्पतिवार को एक शव बरामद होने के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो गई। संदेह है कि यह शव डंपर चालक का हो सकता है।

अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर शव जल गए हैं।

पुलिस ने कहा कि एक दर्जन से अधिक यात्री झुलस गए हैं। पुलिस ने बताया कि दुर्घटना के समय बस आरोन की ओर जा रही थी जबकि डंपर गुना की तरफ आ रहा था।

पुलिस अधीक्षक विजय खत्री ने कहा कि घटना के समय बस में लगभग 30 यात्री सवार थे और उनमें से चार किसी तरह वाहन से बाहर निकलने में कामयाब रहे और घर चले गए।

मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री यादव ने कहा, ‘‘गुना बस हादसा भयावह है। मैं और मेरी सरकार इस घटना से बेहद दुखी है। मैं पहले ही कह चुका हूं कि घटना की जांच होनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएंगे कि ऐसी दुर्घटना दोबारा न हो। हालांकि यह जांच का विषय है कि आग कैसे लगी।’’

एक अधिकारी ने बताया कि गुना के एक अस्पताल में घायलों से मिलने के बाद यादव ने मामले में लापरवाही के आरोप में गुना के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी रवि बरेलिया और मुख्य चिकित्सा अधिकारी वी डी कतरोलिया को निलंबित करने का आदेश दिया।

अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद, जिला कलेक्टर ने घटना की जांच करने के लिए अतिरिक्त जिला अधिकारी मुकेश कुमार शर्मा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति का गठन कर दिया।

उन्होंने कहा कि समिति को विभिन्न मुद्दों पर तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। उनके मुताबिक, समिति को यह देखने के लिए भी कहा गया कि क्या दुर्घटना में शामिल दोनों वाहनों के पास सभी कानूनी अनुमतियां थीं और बस में आग कैसे लगी।

निलंबित होने से पहले, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी रवि बरेलिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बस के पास न तो रूट पर चलने का वैध परमिट था और न ही फिटनेस प्रमाणपत्र था।’

बरेलिया ने यह भी बताया कि बस का पंजीकरण रद्द करने के लिए मालिक की ओर से क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में दो महीने पहले आवेदन दिया गया था, लेकिन कर नहीं चुकाने के कारण यह लंबित था।

अधिकारी ने कहा कि बस का उपयोग कुछ समय से नहीं किया जा रहा था क्योंकि उसके पास रूट के लिए परमिट नहीं था, लेकिन बुधवार को दूसरे यात्री वाहन के स्थान पर इस बस का परिचालन किया गया और यह बस दुर्घटना का शिकार हो गई।

बाद में राज्य सरकार ने पहले कलेक्टर का तबादले का आदेश जारी किया, उसके बाद राज्य परिवहन आयुक्त और गुना एसपी के तबादले का भी आदेश जारी कर दिया। झा और खत्री दोनों को पुलिस मुख्यालय में स्थानांतरित किया गया है, जबकि राठी को अतिरिक्त सचिव के रूप में राज्य सचिवालय में स्थानांतरित किया गया है।

प्रधान सचिव सुखवीर सिंह से परिवहन विभाग का प्रभार लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजेश राजौरा को दिया गया है।

एक अधिकारी ने कहा कि बजरंगगढ़ थाने में बस और डंपर दोनों के चालकों के अलावा बस मालिक भानुप्रताप सिंह सिकरवार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

उन्होंने बताया कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत और मोटर वाहन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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