नोएडा, ग्रेटर नोएडा के बिल्डरों को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा में सक्रिय रियल एस्टेट कंपनियों को बड़ा झटका देते हुए सात नवंबर के अपने आदेश को निरस्त करने से इनकार कर दिया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 1 March 2023, 12:12 PM IST

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा में सक्रिय रियल एस्टेट कंपनियों को बड़ा झटका देते हुए सात नवंबर के अपने आदेश को निरस्त करने से इनकार कर दिया।

उच्चतम न्यायालय ने सात नवंबर, 2022 को बिल्डरों को पट्टे पर दी गई जमीन के बकाया भुगतान पर आठ प्रतिशत की ही अधिकतम दर से ब्याज वसूलने की सीमा हटा दी थी।

सात नवंबर के फैसले का मतलब था कि नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण रियल एस्टेट कंपनियों से जमीनों के बकाया भुगतान पर आठ प्रतिशत से अधिक दर से ब्याज ले सकते हैं। इसके खिलाफ रियल एस्टेट कंपनियों ने अपील की थी।

न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने सात नवंबर के आदेश पर रोक लगाने की मांग करने वाली अर्जियों पर गौर करने के बाद कहा कि इस आदेश को वापस लेने का कोई औचित्य नहीं बनता है। इसके साथ ही उसने अंतरिम अर्जियों को बिना किसी आधार का बताते हुए खारिज कर दिया।

न्यायालय ने गत सात नवंबर को नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों की उस अपील को स्वीकार कर लिया था जिसमें बिल्डरों से जमीन के पट्टे पर बकाया पर आठ प्रतिशत की दर से ब्याज लेने के 10 जून, 2020 के आदेश को वापस लेने की मांग की गई थी। उस आदेश में बिल्डरों पर बकाया राशि के लिए अधिकतम आठ प्रतिशत की ब्याज दर तय की गई थी।

Published : 
  • 1 March 2023, 12:12 PM IST