

आम बजट से आम आदमी से लेकर हर वर्ग के लोगों को उम्मीदें होती है। लोग मानकर बैठे थे कि वित्त मंत्री के पिटारे से ऐसी योजनाएं बाहर आएंगी, जिनकी उन्हें उम्मीद है। बजट पेश होने के बाद विपक्षी नेताऔं की प्रतिक्रिया भी अलग-अलग आई। किसी ने सराहा तो किसी ने कहा बजट में कुछ खास नहीं है। डाइनामाइट न्यूज पर जानिएं किसने कहा क्या क्या…
नई दिल्ली: आम बजट 2020 पेश होने के बाद सत्ता पक्ष जहां इसे ऐतिहासिक बताकर अपनी पीठ थपथपा रहा है तो वहीं विपक्ष बजट को निराशाजनक बताकर सरकार पर निशाना साध रहा है आम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बजट 2020-21 को सरकार की खोखली बातों का पिटारा करार देते हुए कहा है कि इसमें लंबे भाषण तथा भ्रम की स्थिति पैदा करने वाली बातें हैं और देश के युवाओं एवं अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए कुछ भी ठोस व्यवस्था नहीं है।
Our youth want jobs. Instead they got the longest budget speech in parliamentary history that said absolutely nothing of consequence.
PM & FM both looked like they have absolutely no clue what to do next.
#Budget2020 pic.twitter.com/5oUCs8rp32
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 1, 2020
लेकिन कांग्रेस सांसद और पूर्व मंत्री शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने कहा है कि इस बजट से देश के मध्यम वर्ग को थोड़ी राहत मिली है. थरूर ने नए टैक्स छूट (Tax Deduction) पर कहा कि इससे आम मध्यम वर्ग को थोड़ी राहत मिलेगी। हालांकि पूरे बजट से वह ज्यादा खुश नजर नहीं आए।
'Speech was as long as T20 match but less entertaining', Shashi Tharoor, Congress MP, speaks to @editorji on #Budget2020@ShashiTharoor pic.twitter.com/yBh6pqGMDL
— editorji (@editorji) February 1, 2020
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संसद में पेश वर्ष 2020-21 के बजट को दीवालिया सरकार का दीविालिया बजट करार देते हुए आज कहा कि गिरती अर्थव्यवस्था, बेतहाशा बढी महंगाई और रोजगार के बारे में कोई ठोस कदम उठाने की बात बजट में नहीं की गयी है।
आया भाजपा का एक और निराशाजनक बजट. न नौकरीपेशा को फ़ायदा, न कारोबारी को, न उद्योग को, न किसान-मज़दूर-गरीब को. युवा और भी निराश हो गए हैं और महंगाई की मारी गृहणी और भी हताश.
बजट के झूठे छलावे की जगह अगर भाजपा के भ्रष्टाचार पर कर लगा दिया जाए तो देश के बुरे दिन समाप्त हो जाएंगे. pic.twitter.com/Bj7P8ChzD5
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 1, 2020
यादव ने संसद परिसर में बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश की खराब अर्थव्यवस्था को देखते हुए देशवासियों को बजट से बहुत सारी उम्मीदें थी लेकिन लोगों को निराशा हाथ लगी है। इस बजट से गरीबों, किसानों और नौजवानों के जीवन में कोई परिवर्तन नहीं आने वाला है।
Just platitudes & slogans. Nothing substantial to alleviate peoples’ misery, the growing unemployment, rural wage crash, farmers’ distress suicides and galloping prices. #BudgetSpeech pic.twitter.com/867dB4f4lc
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) February 1, 2020
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि इसमें लोगों की दिक्कतें दूर करने के लिए कुछ नहीं किया गया। उन्होंने ट्वीट किया सिर्फ बेकार की बातें और जुमले हैं। इसमें लोगों की दिक्कतें दूर करने, बढ़ती बेरोजगारी, गांवों में मजदूरी भुगतान संकट, परेशान किसानों की आत्महत्या करने जैसी समस्याओं का कोई ठोस समाधान नहीं है।