अतीक अहमद को लेकर पढ़ें ये बड़े खुलासे, आईएसआई और लश्कर से थे संबंध, खरीदे हथियार, जानिये ये अपडेट
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शनिवार की रात तीन लोगों द्वारा अंधाधुंध गोलीबारी में मारे गये माफिया-राजनेता अतीक अहमद ने पुलिस पूछताछ के दौरान स्वीकार किया था कि उसके पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ संबंध थे। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शनिवार की रात तीन लोगों द्वारा अंधाधुंध गोलीबारी में मारे गये माफिया-राजनेता अतीक अहमद ने पुलिस पूछताछ के दौरान स्वीकार किया था कि उसके पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ संबंध थे। प्राथमिकी में इसकी जानकारी दी गयी है ।
माफिया से नेता बने चार बार के विधायक और पूर्व सांसद अतीक अहमद (60) एवं उसके भाई अशरफ की शनिवार रात को तीन हमलावरों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी जब पुलिस दोनों को यहां एक मेडिकल कॉलेज लेकर जा रही थी।
तीनों आरोपियों -लवलेश तिवारी, सन्नी और अरूण मौर्य- को अपराध में कथित रूप से शामिल होने के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया ।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक प्रयागराज के शाहगंज थाने में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में पुलिस ने यह उल्लेख किया है कि अदालत के आदेश पर अतीक अहमद का बयान लिया गया जिसमें उसने स्वीकार किया कि उसका (अतीक का) संबंध पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ‘इंटर-सर्विसेस इंटेलिजेंस’ (आईएसआई) और आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से है।
प्राथमिकी में अतीक अहमद के हवाले से दर्ज बयान में कहा गया है, ''पाकिस्तान की आईएसआई द्वारा ड्रोन के माध्यम से पंजाब प्रांत में हथियार गिराये जाते हैं तथा पंजाब में आईएसआई से जुड़ा व्यक्ति उन हथियारों को एकत्र कर कुछ लश्कर-ए-तैयबा को भेजता है तथा कुछ हथियार खालिस्तानी अलगाववादी संगठनों को देता है और उन्हीं में से कुछ हथियार जैसे प्वाइंट 45 बोर की पिस्तौल, एके 47 राइफल, स्टेनगन और आरडीएक्स मुझे भी उपलब्ध कराता है, जिसका मैं भुगतान भी करता हूं।”
अतीक पक पुलिस को बताया, “इन संगठनों के लोग मेरे यहां आते-जाते थे और इन लोगों से आपस में की गयी बात से ये जानकारी प्राप्त हुई थी कि ये लोग देश में कोई बड़ी वारदात करना चाह रहे हैं।''
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उसने पुलिस को यह भी बताया, “हथियार उपलब्ध कराने वाले आईएसआई और लश्कर से जुड़े कुछ लोगों का पता उसे और कुछ के बारे में उसके भाई अशरफ को मालूम है।’’
पांच बार विधायक रह चुके अतीक ने बयान में स्वीकार किया कि उन्हीं (लकर एवं आईएसआई) से लिये गये हथियार उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों की इस साल फरवरी में हुयी हत्या में इस्तेमाल किया गया था।
उसने कहा, ‘‘प्रयोग में लाये गये तथा हत्या के बाद रखे हुए हथियारों का पता हम दोनों लोग साथ चलकर बता सकते हैं, क्योंकि उन जगहों का कोई मकान नंबर नहीं है, जिसे जेल से बता पाना मुमकिन नहीं है। यदि आप (पुलिस) हम दोनों साथ चलें तो हम लोग उन स्थानों की पहचान कर सकते हैं।''
इस बीच, अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार तीनों आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे गिरोह का सफाया करके अपना नाम बनाना चाहते थे।
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे अतीक और अशरफ के गिरोह का सफाया कर राज्य में अपना नाम और पहचान बनाना चाहते हैं और इसका फायदा उन्हें भविष्य में जरूर मिलेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि वे अपराध के बाद वह भाग नहीं सके थे, क्योंकि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें पकड़ लिया था।
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एक आरोपी ने पुलिस ने बताया, ‘‘जब से हमें अतीक और अशरफ की पुलिस हिरासत के बारे में जानकारी मिली, तब से हम उनकी हत्या करने की योजना बना रहे थे। इसलिए हमने पत्रकारों का वेष धरा और जब हमें सही मौका मिला, तो हमने गोली चला दी और दोनों को मार दिया ।’’
प्रयागराज में जेल में बंद अहमद (60) और उसके भाई अशरफ को हथकड़ी पहनाई गई थी, जब शनिवार की रात करीब 10 बजे सरेशाम उनकी हत्या कर दी गई।
इस घटना से संबंधित वीडियो सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर व्यापक रूप से प्रसारित हुये । झांसी में 13 अप्रैल को पुलिस मुठभेड़ में मारे गये अतीक अहमद के बेटे असद का अंतिम संस्कार पूर्व सांसद को गोली मारे जाने से कुछ घंटे पहले ही किया गया था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हतयाकांड की जांच के लिये तीन सदस्यीय न्याययिक आयोग का गठन किया है ।