केंद्रीय उर्जा मंत्री बोले, पीपीए के बिना 8,000 मेगावाट की तापीय बिजली के लिए बोलियां आमंत्रित की जाएंगी
केंद्रीय उर्जा मंत्री आर के सिंह ने बताया कि सरकार पीपीए के बिना 8,000 मेगावाट तापीय बिजली क्षमताओं से तैयार बिजली की बिक्री के लिए राज्यों से बोलियां आमंत्रित करेगी। पढ़िए पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नई दिल्ली: बिजली मंत्री आर के सिंह ने बताया कि सरकार पीपीए के बिना 8,000 मेगावाट तापीय बिजली क्षमताओं से तैयार बिजली की बिक्री के लिए राज्यों से बोलियां आमंत्रित करेगी।
आर के सिंह ने पीटीआई-भाषा को बताया कि भारत में कुल 8,000 मेगावाट की तापीय क्षमता, ऐसी है जिसके लिए कोई बिजली खरीद समझौता नहीं है।
यह भी पढ़ें |
Monsoon Session: ऊर्जा संरक्षण संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश, जानिये इसकी खास बातें
भारत में पीपीए के बिना उपलब्ध क्षमता से संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘तापीय बिजली में 8,000 मेगावाट की ऐसी क्षमताएं हैं, जिनके पीपीए नहीं हैं।’’
इस मुद्दे को हल करने के लिए सरकार की योजना के बारे में बताता हुए मंत्री ने कहा कि राज्यों को अपनी बिजली की जरूरत भेजने को कहा गया है, और उसके अनुसार बोलियां आमंत्रित की जाएंगी।
यह भी पढ़ें |
सरकार का पांच साल में ढाई लाख मेगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता लक्ष्य, जानिये पूरी योजना
उन्होंने कहा, ‘‘हम (उनकी मांग) पता करेंगे और बोलियां आमंत्रित करेंगे, जो भी सबसे कम बोली लगाएगा, उसके साथ पीपीए पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। पीपीए पर हस्ताक्षर होने के बाद, उन्हें (राज्यों को) बिजली मिल जाएगी।’’
सिंह ने कहा कि कुछ बिजली संयंत्र ऐसे हैं, जो एनसीएलटी की कार्रवाई के अधीन हैं, और सरकार ने इन संयंत्रों को जल्द से जल्द चालू करने के लिए बैंकरों के साथ बैठक करने सहित कई कदम उठाए हैं। (भाषा)