बैंक धोखाधड़ी मामला : जेट विमानन कंपनी के संस्थापक नरेश गोयल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत

डीएन ब्यूरो

केनरा बैंक से 538 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी से संबंधित धन शोधन के एक मामले में एक विशेष अदालत ने यहां बृहस्पतिवार को विमानन कंपनी जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल
जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल


मुंबई: केनरा बैंक से 538 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी से संबंधित धन शोधन के एक मामले में एक विशेष अदालत ने यहां बृहस्पतिवार को विमानन कंपनी जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत ने दक्षिण मुंबई में स्थित आर्थर रोड जेल भेजने की गोयल की याचिका मंजूर कर ली।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यहां केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में लंबे वक्त तक चली पूछताछ के बाद गोयल को एक सितबंर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया था।

गोयल (74) को ईडी की हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद बृहस्पतिवार को विशेष न्यायाधीश एम.जी. देशपांडे के समक्ष पेश किया गया।

जांच एजेंसी ने गोयल की हिरासत अवधि बढ़ाये जाने का अनुरोध नहीं किया जिसके बाद अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

गोयल ने उन्हें नवी मुंबई में स्थित तलोजा जेल भेजने के बजाए आर्थर रोड जेल भेजने का अनुरोध किया, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया।

गोयल ने बाद में एक अर्जी दाखिल कर कहा कि वह कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं और अनुरोध करते हैं कि उन्हें अपने निजी चिकित्सक से रोजाना चिकित्सा जांच कराने और जेल में उनकी कैद के दौरान नियमित रूप से चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने की अनुमति दी जाए।

गोयल ने अर्जी में कहा कि वह दिल से जुड़ी बीमारी से जूझ रहे हैं और एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट में उनका इलाज जारी है।

गोयल ने एक अन्य अर्जी में उनकी चिकित्सा स्थिति को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त बिस्तर और घर का बना खाना मुहैया कराने का भी अनुरोध किया।

अदालत ने गोयल की अर्जी पर अभियोजन पक्ष से अपना जवाब देने को कहा है।

केनरा बैंक से 538 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के सिलसिले में निजी विमानन कंपनी के संस्थापक गोयल, उनकी पत्नी अनीता और कंपनी के कुछ पूर्व अधिकारियों के खिलाफ केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के बाद धन शोधन का मामला दर्ज किया गया था।

बैंक ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि उसने जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड को 848.86 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी थी, जिसमें से 538.62 करोड़ रुपये बकाया है। बैंक की शिकायत पर सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की थी।

 










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