सावधान! आप भी चलाते है गाड़ी तो पढ़िये ये खबर, जानिये बलरामपुर का ये मामला
बलरामपुर पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों पर लग्जरी वाहनों का बैंक से फाइनेंस कराकर बेचने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट

बलरामपुर: फर्जी दस्तावेजों पर बैंक से फाइनेंस कराकर लग्जरी वाहनों की खरीद करने वाले गिरोह को लालिया पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जिनके पास से पुलिस ने तीन गाड़ियां बरामद की है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार, यह जानकारी देते हुए एसपी विकास कुमार ने बताया कि थाना ललिया की पुलिस ने तीन जाल साजो को गिरफ्तार किया है। जिनके पास से पुलिस ने तीन स्कॉर्पियो गाड़ी बरामद की है। जो फर्जी दस्तावेज से बैंक से फाइनेंस करवाकर खरीदी गई थी।
फर्जी दस्तावेज से करवाते थे फाइनेंस
एसपी विकास ने बताया कि पकड़े गए तीन अभियुक्त फर्जी दस्तावेजों के सहारे बैंक से लग्जरी गाड़ियों का फाइनेंस कराते थे। जिसके लिए वह टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर आधार, पैन कार्ड व निर्वाचन कार्ड पर नाम पता बदलकर गलत पते पर फाइनेंस करवाने का काम करते थे।
मुखबिर से मिली सूचना
एसपी विकास कुमार ने बताया कि थाना लालिया के प्रभारी निरीक्षक बृजानन्द सिंह पुलिस टीम के साथ गश्त पर थे। उन्हें मुखबिर से सूचना मिली कि कुछ लोग जालसाजी करके चार पहिया लग्जरी वाहनों को धोखाधड़ी से बिक्री करने वाले बलदेवनगर होकर कहीं जा रहे है। किसी अपराध के फिराख मे जा रहे है। सूचना मिलते ही टीम ने मुसहवा नाला ग्राम मंगराकोहल के पास घेराबन्दी कर ली। बलदेवनगर के तरफ से आ रही तीन स्कार्पियों वाहनों को रोक कर चेक किया गया।
फर्जी निकले दस्तावेज
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वाहनों की चेकिंग के दौरान तीनों व्यक्तियों से पूछताछ करने पर उन्होंने अपना नाम चन्दन जायसवाल निवासी जनपद कानपुर नगर, लवजोत कानपुर नगर व इरफान खाँ पुत्र अब्दुल हमीद उम्र जनपद बलरामपुर बताया। दस्तावेजों की चेकिंग के दौरान सभी दस्तावेज फर्जी मिले।
फर्जी दस्तावेजों से फाइनेंस व आरटीओ का होता था काम
एसपी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए अभियुक्त पहले आधार कार्ड पैन कार्ड व निर्वाचन कार्ड को कम्प्यूटर से इडिट करके उसमें असली पता बदलवा कर बैंको से गाड़ी फाइनेन्स कराते है। उसका फर्जी कागजात के आधार पर ही आर.टी.ओ. आफिस मे गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कराते है। फर्जी पता व नाम होने के कारण हम बच जाते थे।
नेपाल में बेचते है वाहन
एसपी बताते है कि पकड़े गए अभियुक्त बैंक की कोई किश्त नहीं जमा करते थे। फाइनेंस कराई गई गाड़ियों को कानपुर से दूर नेपाल राष्ट्र व बार्डर के जिलो में ले जाकर कम पढ़े लिखे ग्राहको को अपने जाल में फंसाकर कर बेच देते है। जब गाड़ी को ट्रान्सफर करने की जिद करने लगते हैं तो फिर उसको झांसे मे लेकर उसके उपर उल्टे दबाव बनाकर गाड़ी को अपने पास वापस लेकर किसी तीसरे ग्राहक को बेच देते है। रिकार्ड में गलत पता होने के कारण फाइनेंस कम्पनियाँ इन्हें खोज नही पाती है ।
42 लाख रुपए का फाइनेंस
एसपी ने बताया कि अभियुक्तों से बरामद किए गए वाहनों पर लाखों रुपए का फाइनेंस है। इसमें बैंक आफ बड़ौदा की मिठास किदवई नगर चौराहा कानपुर नगर से 18 लाख रुपए व फर्जी दस्तावेजों के सहारे स्टेट बैंक शाखा स्वरूप नगर कानपुर से दो वाहनों को फाइनेंस कराया गया था। जिसका 12-12 लाख रूपये का लोन बकाया है ।
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बेची थी गाड़िया
कानपुर जिले के बैंको से फर्जी दस्तावेजों के सहारे फाइनेंस करा कर गाड़िया बॉर्डर एरिया में बेची जाती थी। जिसके क्रम में काले रंग की स्कार्पियो गाड़ी शिवपुरा बाजार थाना ललिया निवासी नंद कुमार को चार लाख नब्बे हजार रूपया में जालसाजों ने बेची थी। वही वर्ष 2022 में महराजगंज तराई निवासी रसीद खान व आलम को दो स्कॉर्पियो गाड़ी जालसाजों ने बेची थी। गाड़ी बेचने के जालसाजों ने डरा धमाका कर वाहन वापस ले लिया था।
नेपाल जाते समय लगे पुलिस के हाथ
एसपी विकास कुमार ने बताया कि विगत वर्षों में बेची गई गाड़ियों को जालसाजों ने डरा धमाका कर वापस ले लिया। दोबारा उन्हीं गाड़ियों को नेपाल में बेचने के लिए जाते समय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
25 हजार का इनाम
पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने जालसाजों को गिरफ्तार करने वाली टीम को 25 हजार रुपए इनाम देने की घोषणा की है।