बलरामपुर: जंगल में अवैध कटान की शिकायत पड़ी भारी, युवक को DFO के सामने मारपीट कर बनाया बंधक

जंगल में हो रही अवैध कटान की शिकायत मुख्य वन संरक्षक से करना एक दलित व्यक्ति को मंहगा पड़ गया। पीड़ित का आरोप है कि शिकायत के बाद वन्यकर्मियों ने डीएफओ के सामने उसकी जमकर पिटाई की और घंटों तक बंधक बनाये रखा।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 16 April 2018, 6:44 PM IST
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बलरामपुर: जंगल में हो रही अवैध कटान की शिकायत मुख्य वन संरक्षक से करना एक दलित व्यक्ति को मंहगा पड़ गया। पीड़ित का आरोप है कि शिकायत के बाद वन्यकर्मियों ने डीएफओ के सामने उसकी जमकर पिटाई की और घंटों तक बंधक बनाये रखा। जब पीड़ित रोने-गिड़गिड़ाने लगा तो उसे इस शर्त पर छोड़ा गया कि वह भविष्य में कभी जंगल में अवैध कटान की शिकायत नहीं करेगा। पीड़ित किसी तरह भागकर शिकायत करने थाने पहुंचा तो उसकी एफआईआर तक नहीं लिखी गई।

कई अधिकारियों से न्याय की गुहार

पीड़ित ने उक्त मामले की शिकायत मुख्यमंत्री, मानवाधिकार आयोग, अनुसूचित जाति आयोग, मुख्य वन संरक्षक, आईजी, डीआईजी सहित कई अधिकारियों को शिकायती पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है।

गेस्ट हाउस में पीड़ित को बनाया बंधक

पचपेड़वा थाना क्षेत्र के जूड़ीकुईया बरगदवा सैफ के रहने वाला शिकायतकर्ता गुरू प्रसाद ने बताया कि उसने सोहेलवा जंगल में हो रही अंधाधुंध अवैध कटान की शिकायत मुख्य वन संरक्षक देवी पाटन मंडल के कुरविला थामस से कई बार की थी। मुख्य वन संरक्षक ने शिकायतकर्ता के साथ मौके का निरीक्षण भी किया था। पीड़ित का आरोप है कि 8 अप्रैल को वो निजी कार्य से वीरपुर से चंदनपुर की ओर जा रहा था। सेमरा गांव के पास वनरक्षक सूरज पाण्डेय और गार्ड धर्मेन्द्र यादव ने उसे गाली दी और जबरन उसे मारते-पीटते गेस्ट हाउस ले गये, जहां उसको चार घंटे तक बंधक बनाये रखा गया और इस दौरान उसका मोबाइल छीनकर रखा गया।

दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई

घटना पर प्रभागीय वनाधिकारी रूस्तम परवेज का कहना है कि मौखिक शिकायत मिलने के बाद जांच के लिए पीड़ित को बुलाया गया था, लेकिन किन्ही कारणों से पीड़ित से बात नहीं हो पायी है। उन्होंने कहा कि मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

सीओ तुलसीपुर को सौंपी गयी मामले की जांच 

मुख्य वन संरक्षक देवी पाटन मंडल के थामस का कहना है कि मामले की शिकायत मिली है, जिस पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार ने बताया कि घटना के संबंध में शिकायत उन्हें मिली है। मामले की जांच सीओ तुलसीपुर को सौंप दी गई है, क्योंकि मामला सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ है, इसलिए उच्चतम न्यायालय की गाइड लाइन के अनुसार जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
 

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