Ayushman Bharat: आयुष्मान भारत डेटाबेस में मिली कई गड़बड़ियां, विसंगतियों पर पढ़ें कैन की ये रिपोर्ट

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के डेटाबेस में अवैध नामों, अवास्तविक जन्मतिथियों, नकली स्वास्थ्य पहचान पत्रों और अवास्तविक परिवार आकार समेत कई विसंगतियों को उजगार किया है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

Updated : 10 August 2023, 4:40 PM IST
google-preferred

नयी दिल्ली: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के डेटाबेस में अवैध नामों, अवास्तविक जन्मतिथियों, नकली स्वास्थ्य पहचान पत्रों और अवास्तविक परिवार आकार समेत कई विसंगतियों को उजगार किया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, मंगलवार को पेश की गयी कैग रिपोर्ट में बताया गया है कि अपात्र परिवार पीएमजेएवाई लाभार्थी के रूप में पंजीकृत पाये गये हैं तथा उन्होंने इस योजना के तहत 0.12 लाख से 22.44 करोड़ रुपये तक के लाभ लिये हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘ राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के रिकार्ड के अनुसार 7.87 करोड़ लाभार्थी परिवार पंजीकृत हैं जो लक्षित 10.74 करोड़ परिवार का 73 प्रतिशत है। समुचित सत्यापन नियंत्रण के अभाव में लाभार्थी डेटाबेस में अवैध नाम, अवास्तविक जन्मतिथि, नकली पीएमजेएवाई पहचान पत्र, अवास्तविक परिवार आकार जैसी गड़बड़ियां पायी गयी हैं।’’

स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बुधवार को बताया कि सत्यापन प्रक्रिया में मोबाइल नंबर की कोई भूमिका नहीं है।

एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘ मोबाइल नंबर किसी जरूरत की स्थिति में लाभार्थी तक पहुंचने तथा उपचार के संबंध में फीडबैक लेने भर के लिए लिया जाता है।’’

सूत्रों ने कहा कि मोबाइल नंबर की लाभार्थी की पात्रता तय करने में कोई भूमिका नहीं है और यह गलत धारणा है कि लाभार्थी मोबाइल नंबर की मदद से उपचार पा सकता है।

कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि इस स्वास्थ्य बीमा योजना में कई लाभार्थी एक ही मोबाइल पर पंजीकृत हैं। उसने कहा कि मोबाइल नंबर 9999999999 पर 7.49 लाख लोग बतौर लाभार्थी पंजीकृत हैं।

सूत्रों ने कहा कि कार्यनिष्पादन ऑडिट इस योजना के आरंभिक चरण में किया गया है।

Published : 
  • 10 August 2023, 4:40 PM IST

Related News

No related posts found.