अयोध्या: राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य ने दुष्कर्म पीड़िता से की मुलाकात, दिलाया ये भरोसा
अयोध्या में गैंगरेप की शिकार नाबालिग लड़की से शुक्रवार को राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य ने मुलाकात की। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
अयोध्या: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य अनीता अग्रवाल ने शुक्रवार को यहां जिला महिला चिकित्सालय में दुष्कर्म पीड़ित बालिका से मुलाकात की। उन्होंने बच्ची का हाल-चाल जाना तथा उसके परिजनों से विशेष मुलाकात करते हुए उनको पूर्ण न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक पीड़िता से मुलाकात के बाद अनीता अग्रवाल कहा कि अयोध्या में 12 वर्षीय की बालिका के साथ दरिंदगी एक अत्यंत निंदनीय घटना है। दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी। दुष्कर्म पीड़िता बच्ची और उसके परिवार को पूरा न्याय दिलाया जायेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित बच्ची की मां से लखनऊ में मुलाकात करते हुए उन्हें न्याय दिलाने का भरोसा दिया है। वहीं राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य को तत्काल पीड़ित बच्ची से मिलने और वर्तमान स्थिति की समीक्षा के निर्देश दिये, जिसके बाद आयोग की सदस्य अयोध्या पहुंचीं।
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आयोग की सदस्य अनीता अग्रवाल ने बताया कि परिजनों द्वारा उन्हें अवगत कराया गया है कि बच्ची अक्सर खेतों में काम करने जाती थी। उसके साथ बहला फुसला कर उसके साथ हैवानियत की गई है। दरिंदों को कड़ी से कड़ी सजा मिले, इसके लिए आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो रही है। इसको लेकर जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा भी हमें आश्वस्त किया गया है।
गौरतलब है कि अयोध्या के पूरा कलंदर थानाक्षेत्र में घटी इस शर्मनाक घटना में पिछड़ा वर्ग की 12 वर्षीय बच्ची के साथ सपा नेता मोईन खान और उसका नौकर राजू आरोपित हैं। इनपर बच्ची से दुष्कर्म और उसका वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने का आरोप है।
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य अनीता अग्रवाल ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिया की सर्वप्रथम पीड़िता को जनरल वार्ड से प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किया जाए तथा किसी भी अनजान व्यक्ति को उससे मिलने ना दिया जाए। उन्होंने जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से कहा कि पीड़िता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला चिकित्सालय एवं उसके आवास पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाए।
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उन्होंने जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देश दिया कि बच्ची का बैंक में खाता खोलकर उसको शासन द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलवाया जाए।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य ने इस संबंध में जिला स्तरीय अधिकारियों से मुलाकात करते हुए स्थिति की समीक्षा की और कहा कि यह बहुत ही शर्मनाक घटना है, जिसका मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं संज्ञान लेते हुए पीड़िता की मां को मुलाकात करने के लिए बुलाया गया है तथा जांच करने के लिए मुझे तत्काल यहां भेजा गया है।