Auto Mobile: इलेक्ट्रिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए भुगतान सुरक्षा तंत्र, सब्सिडी जरूरी

अशोक लेलैंड के चेयरमैन धीरज हिंदुजा ने कहा है कि दीर्घावधि के अनुबंधों के लिए एक बेहतर तरीके से परिभाषित भुगतान सुरक्षा तंत्र देश में इलेक्ट्रिक बसों को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगा। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 10 September 2023, 3:38 PM IST
google-preferred

नयी दिल्ली: अशोक लेलैंड के चेयरमैन धीरज हिंदुजा ने कहा है कि दीर्घावधि के अनुबंधों के लिए एक बेहतर तरीके से परिभाषित भुगतान सुरक्षा तंत्र देश में इलेक्ट्रिक बसों को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार हिंदुजा ने कहा कि भारत में इलेक्ट्रिक परिवहन की स्वीकार्यता बढ़ाने में सब्सिडी का भी महत्व है।

उन्होंने कहा, ‘‘तो मैं दो क्षेत्रों के बारे में कहूंगा - एक सब्सिडी या अन्य कोई लाभ है, जो सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए दे सकती है। दूसरा, किसी प्रकार के भुगतान सुरक्षा तंत्र की जरूरत है। इससे उद्योग अधिक तेज रफ्तार से आगे बढ़ सकेगा।’’

उनसे पूछा गया था कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।

हिंदुजा ने कहा, ‘‘जब आप इन 10-12 साल के इन जीसीसी (सकल लागत अनुबंध) अनुबंधों को देखते हैं, तो मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) निश्चित रूप से कुछ सुरक्षा चाहते हैं। वे जानना चाहते हैं कि इतनी लंबी अवधि में भुगतान कैसे सुनिश्चित होगा।’’

भुगतान सुरक्षा तंत्र एक भुगतान सुरक्षा कोष है, जो भुगतान में चूक की स्थिति में ब्याज मुक्त-पूंजी प्रदान करता है। इलेक्ट्रिक बसों के मामले में सेवाप्रदाता को निर्बाध भुगतान का दायित्व राज्य परिवहन उपक्रमों (एसटीयू) पर है।

कई एसटीयू की वित्तीय हाल खराब है। इसलिए इलेक्ट्रिक बस विनिर्माता सरकार से एक ऐसा सुरक्षा कोष स्थापित करने की मांग कर रहे हैं, जैसा बिजली क्षेत्र में पहले से मौजूद है।

हिंदुजा ने कहा कि कुल मिलाकर सरकार स्वच्छ ईंधन की जरूरत को पूरा करने और शहरों को प्रदूषण-मुक्त करने के लिए काफी अच्छा काम कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन के लिए भी सब्सिडी प्रदान की है... इसलिए बहुत से निजी ग्राहक जिनकी शुद्ध शून्य उत्सर्जन को लेकर प्रतिबद्धता है, वे सीधे वाहन खरीद रहे हैं, चाहे सब्सिडी कुछ भी है।’’

हिंदुजा ने कहा कि बसों और हल्के वाणिज्यिक वाहनों की बात करें, तो यह सब्सिडी को लेकर सरकार के समर्थन पर निर्भर है।

उन्होंने कहा, ‘‘जहां भी सरकार से समर्थन मिलता है, वहां मांग में स्पष्ट वृद्धि होती है।’’

अशोक लेलैंड देश की दूसरी सबसे बड़ी वाणिज्यिक वाहन विनिर्माता कंपनी है।

No related posts found.