Artificial Intelligence: आईसीएआई के अध्यक्ष बोले- कृत्रिम मेधा से इस गुणवत्ता को सुधारने में मिलेगी मदद

चार्टर्ड अकाउंटेंट के राष्ट्रीय निकाय आईसीएआई के अध्यक्ष अनिकेत सुनील तलाटी ने कहा है कि कृत्रिम मेधा (एआई) के इस्तेमाल से चार्टर्ड अकाउंटेंट को उच्च गुणवत्ता वाला ऑडिट करने में मदद मिलने के साथ लेनदेन पर नजर रखना भी आसान हो जाएगा। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 16 August 2023, 6:17 PM IST
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नयी दिल्ली: चार्टर्ड अकाउंटेंट के राष्ट्रीय निकाय आईसीएआई के अध्यक्ष अनिकेत सुनील तलाटी ने कहा है कि कृत्रिम मेधा (एआई) के इस्तेमाल से चार्टर्ड अकाउंटेंट को उच्च गुणवत्ता वाला ऑडिट करने में मदद मिलने के साथ लेनदेन पर नजर रखना भी आसान हो जाएगा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इसके साथ ही तलाटी ने कहा कि भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) अपने सदस्यों को बदलते हुए दौर की तकनीकी जरूरतों के अनुरूप ढालने के लिए कौशल विकास में भी सहयोग कर रहा है। देशभर में इस संस्था के 3.80 लाख से अधिक सदस्य हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने सदस्यों को एआई प्रणाली के बारे में समझ विकसित करने और उसके इस्तेमाल के लिए जरूरी कौशल एवं प्रशिक्षण देने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।’’

तलाटी ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा कि वह एआई को ऑडिट के पेशे में आ रहे एक बड़े बदलाव के तौर पर देख रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर एक बढ़िया एआई प्रणाली है तो उसकी मदद से लेनदेन पर गहरी नजर रखी जा सकती है। एआई लेनदेन में किसी भी तरह की गड़बड़ी मिलने या उसकी आशंका होने पर फौरन ही आगाह कर सकता है। इस तरह एआई चार्टर्ड अकाउंटेंट को उच्च गुणवत्ता वाला ऑडिट करने में अहम भूमिका निभाएगा।’’

तलाटी ने कहा कि एआई ऑडिट से जुड़े तमाम पहलुओं में बदलाव करने जा रहा है और इसके बारे में समझ एवं तकनीकी कौशल विकसित करने की जरूरत है।

आईसीएआई अध्यक्ष ने कुछ स्टार्टअप कंपनियों में वित्तीय एवं परिचालन मुद्दों को लेकर पैदा हो रही आशंकाओं के बीच कहा कि संस्थान इन फर्मों के साथ साझेदारी बनाने की कोशिश कर रहा है। इसके अलावा मजबूत नियामकीय प्रणाली भी है जो किसी भी तरह की गड़बड़ी से निपट सकती है।

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