

राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग 17 जुलाई को होगी। हर तरफ बस एक ही चर्चा है कि एनडीए किसे अपना उम्मीदवार बनायेगी। डाइनामाइट न्यूज़ यह पड़ताल करने की कोशिश कर रहा है कि एनडीए खेमे में क्या चल रहा है।
नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव के नामांकन की आखिरी तारीख में अब महज 17 दिन शेष बचे हैं लेकिन सत्तारुढ़ भाजपा अपने पत्ते खोलने को तैयार नही है कि उसका उम्मीदवार कौन हौगा। आज रायपुर में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने संवाददाताओं से कहा कि "पार्टी ने अभी इस मुद्दे पर कुछ सोचा नहीं है।"
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शाह ने कहा कि अभी राष्ट्रपति चुनाव पर कुछ निर्णय नहीं लिया गया है लेकिन जब भी इस संबंध में कुछ तय होगा तो सबको पता चल जाएगा।
देश के 14 वें राष्ट्रपति का चुनाव 17 जुलाई को होगा और चुनाव के परिणाम 20 जुलाई को आएंगे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है।
क्या आम सहमति से बनेगा राष्ट्रपति
विपक्ष मांग कर रहा है कि राष्ट्रपति पद पर आम सहमति से चुनाव हो लेकिन जिस तरह विभिन्न मुद्दों को लेकर पक्ष-विपक्ष सामने आ रहे हैं उससे इसकी संभावना कम दिखती है।
हिंदूवादी राष्ट्रपति की मांग
शिवसेना जैसे एनडीए के घटक दल पहले ही भाजपा के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। शिवसेना चाहती है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत जैसा कोई हिंदूवादी इस कुर्सी पर बैठे।
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चौंकाने वाला हो सकता है नाम
जानकार यह भी बताते हैं कि जिस तरह अटल बिहारी बाजपेयी ने 2002 में एपीजे अब्दुल कलाम का नाम सबके सामने लाकर सबको चौंकाया था, वैसा ही कुछ इस बार पीएम नरेन्द्र मोदी भी कर सकते हैं।
नाम तय सिर्फ ऐलान बाकी
कई जानकार तो इस बात का भी दावा कर रहे हैं कि मोदी-शाह की जोड़ी ने अंदरखाने में नाम तय कर लिया है बस सामने आना बाकी है।
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