Maha Kumbh 2025: महाकुंभ जा रहे हैं तो प्रयागराज की इन 5 ऐतिहासिक जगहों पर जाना न भूलें

अगर आप भी संगम स्नान के लिए महाकुंभ में शामिल होने जा रहे हैं तो मेले के साथ-साथ प्रयागराज की इन जगहों की भी सैर कर सकते हैं। डाइनामाइट न्यूज़ पर पढ़िए पूरी खबर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 12 January 2025, 6:49 PM IST
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प्रयागराज: कल से महाकुंभ 2025 (Maha Kumbh 2025) की शुरुआत होने जा रही है। इस कुंभ के लिए दुनियाभर से लोग आ रहे हैं। इस दौरान लोग पवित्र संगम (Holy Sangam) में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचेंगे। कुंभ के मौके पर देश-विदेश से लोग प्रयागराज (Prayagraj) में गंगा स्नान के लिए पहुंचते हैं। मान्यता है कि अगर महाकुंभ पर्व के दौरान संगम में स्नान करेंगे तो आपकी मनोकामनाएं (Wishes) पूरी हो जाती है। अगर आप भी इस महाकुंभ में शामिल होने के लिए प्रयागराज आ रहे हैं तो मेले के अलावा आपको शहर के इन पर्यटक स्थानों पर भी जा सकते हैं। 

प्रयागराज में इन जगहों की करें सैर

कुंभ के मौके पर देश-विदेश से लोग प्रयागराज (Prayagraj) में गंगा स्नान के लिए पहुंचते हैं। अगर आप भी महाकुंभ में शामिल होने के लिए प्रयागराज जाने की योजना बना रहे हैं तो इस यात्रा को धार्मिक के साथ ही पर्यटन यात्रा भी बना सकते हैं। प्रयागराज में सिर्फ धार्मिक स्थल ही नहीं हैं बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल भी हैं, जो आपको घूमने के लिए शानदार मौका देते हैं। वैसे तो प्रयागराज कई महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों से भरा हुआ है, जिन्हें आप महज दो दिनों की छुट्टी में घूम सकते हैं। आइए जानते हैं प्रयागराज के पर्यटन स्थलों के बारे में और कैसे आप दो दिन में सफर पर पूरा कर सकते हैं।

त्रिवेणी संगम

अगर आप भी महाकुंभ में शामिल होने आ रहे हैं और सोचते हैं कि बार-बार प्रयागराज आने का मौका नहीं मिलेगा तो आप शहर के त्रिवेणी संगम पर घूमने जा सकते हैं। यहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी का संगम होता है। संगम स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति मानी जाती है। आप यहां नौका विहार का आनंद भी ले सकते हैं। त्रिवेणी संगम को घूमने के लिए सुबह-सुबह या सूर्यास्त के समय के जाएं।

हनुमान मंदिर

संगम स्नान के बाद आप प्रयागराज में लेटे हुए हनुमान जी की प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध एक प्राचीन मंदिर है। मान्यता है कि गंगा जी की बाढ़ का जल सबसे पहले यहां आता है और हनुमान जी के चरण छूकर वापस लौट जाता है। संगम के पास स्थित यह मंदिर कुंभ या महाकुंभ के दौरान विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।  

आनंद भवन

अगर आप इतिहास में दिलचस्पी रखते हैं तो आनंद भवन की सैर जरूर करें। यह भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का पैतृक आवास था, जिसे अब संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया है। यहां स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी महत्वपूर्ण वस्तुएं और दस्तावेज देखे जा सकते हैं। एंट्री के लिए टिकट लगता है हालांकि प्रवेश शुल्क नाममात्र का ही है। यहां घूमने के लिए एक से दो घंटे का समय लग सकता है।

खुसरो बाग

यह मुगल वास्तुकला का सुंदर नमूना है जहां जहांगीर के पुत्र खुसरो का मकबरा स्थित है। बाग की सुंदरता और शांति इसे एक आदर्श पिकनिक स्थल बनाती है। सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक कभी भी घूमने जा सकते हैं।

इलाहाबाद किला

अगर आपको किलों में रखी प्रचीन कला और तस्वीरों में रूचि है तो आप इलाहाबाद किला देखने जा सकते हैं। इस किले को अकबर ने 1583 में बनवाया था और आज भारतीय सेना के अधीन है। किले में स्थित अशोक स्तंभ और सरस्वती कुंड प्रमुख आकर्षण हैं। पर्यटकों को किले का सीमित हिस्सा देखने की अनुमति है।

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