महराजगंज: जमीन पर अवैध कब्जा कराने का आरोप, सुनवाई नहीं होने पर अनशन की चेतावनी
फरेंदा ब्लॉक के ग्राम सभा सिधवारी में सरकारी मुलाजिम पर जमीन कब्ज़ा कराने का बड़ा आरोप लगा है पढ़े पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
फरेंदा (महराजगंज): फरेंदा क्षेत्र के ग्राम सभा सिधवारी में भीटे की जमीन पर अवैध कब्जा करने का आरोप प्रधान द्वारा गांव के ही सुरेश साहनी पर लगाया गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार प्रधान ने डीएम महराजगंज को दिए गए अपने प्रार्थना पत्र में लिखा गया है कि हम प्रार्थिनी ग्राम सिधवारी फरेन्दा की नव निर्वाचित ग्राम प्रधान हूँ और मेरे ग्राम के कम्पोजिट विद्यालय पोखरे के भीटा की भूमि पुरानी आराजी नं0-526 तथा नवीन आराजी नं0-828 पर अवैध तरीके से बिना कब्जा के 80(1) कराकर टाउन एरिया वार्ड नं0-2 निवासी सुरेश सहानी उर्फ नागे सहानी पुत्र स्व० कंचन द्वारा कब्जा किया जा रहा है। भूमि पूर्णतया भीटा की भूमि है।
क्योंकि 1360 फसली वर्ष में सम्पूर्ण रकबा भीटा दर्ज है तथा 1377 फसली वर्ष से 79 में आराजी नं0-526 सम्पूर्ण रकबा भीटा खाता में दर्ज है। आराजी नं0-526 जिसका वर्तमान में नया आराजी नं0-828 है।
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सन् 1973 में सुपर वाइजर कानूनगो को मिला-जुला कर अपने पक्ष में 65 एअर भीटा खाते से अपने नाम दर्ज करा लिया है। उसके बाद से आधार वर्ष खतौनी में 65 एअर भूमि रामदास पुत्र बहादुर के नाम से दर्ज है। उसी आधार वर्ष खतौनी ACO धानी ढाला आदेश चढ़ा हुआ है।
उसी के बाद चकबन्दी खतौनी 23 व जिल्द में 65 एअर नाम आ गया है। जबकि वह भी मौके पर पेड़-पौधे लगे हुए है।उपरोक्त तथ्यों की जाँच कराकर गांव के लेखपाल को निलम्बित किया जाये तथा अवैध कब्जा को हटाया जाये। जो दोषी व्यक्ति है उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही किया जाये।
यदि दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध विधिक कार्यवाही नही की जाती है तो प्रार्थिनी अपने ग्रामसभा के नागरिको को लेकर 20 जनवरी को अनशन करेंगी। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी।
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दूसरे पक्ष का बयान
इस मामले में दूसरे पक्ष के सुरेश साहनी द्वारा बताया गया कि मेरे द्वारा किसी भी तरह का अवैध कब्जा नहीं किया गया है मेरे ऊपर जो आरोप लगाया जा रहा है वह निराधार है।
मैं 65 एयर जमीन बैनामा लिया है, जबकि मेरा जमीन धारा 80(1)होने के बाद ही बैनामा हुआ है। इस मामले में डीएम महराजगंज के आदेश पर राजस्व टीम गठित हुई थी जो मौके पर सीमांकन कर मेरे जमीन की पैमाइश कर मुझे मेरी जमीन दी थी। उसके बाद हम वहां निर्माण कार्य शुरू किए थे।