आगरा: छत पर बने छप्पर में आग लगने से दो सगी बहनों की मौत

डीएन ब्यूरो

आगरा के बसई जगनेर थानाक्षेत्र के करहकी गांव में घर की छत पर बने छप्पर में बुधवार को लोटेंशन (एलटी) तार से निकली चिंगारी से आग लग गई जिसकी चपेट में आने से दो सगी बहनों की मौत हो गई और छह माह का एक बच्चा गंभीर रूप से झुलस गया। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। बसई जगनेर थाना के प्रभारी सुनील तोमर ने बताया कि बच्चियों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया तथा आग से झुलसे बच्चे की हालत में इस समय सुधार है। उन्होंने बताया कि करहकी गांव के जाटव बस्ती में रहने वाले वीरेंद्र आगरा में मजदूरी करते हैं और उसके पांच बच्चे रचना (सात) वर्ष, हर्ष (पांच), कनक (चार), वीनेश (तीन) और आलोक (छ: माह) थे। तोमर ने बताया कि बुधवार की दोपहर रचना और हर्ष छत पर खेल रहे थे और उनकी मां गीता ने कनक, वीनेश और मासूम आलोक को वहीं छप्पर के नीचे सुला दिया था और खुद नीचे आकर घर के काम निपटा रही थी। उन्होंने बताया कि वीरेंद्र ने मकान की छत पर छप्पर डाला हुआ था और मकान के ऊपर से लोटेंशन तार गुजरता है। थाना प्रभारी ने बताया कि बुधवार दोपहर हवा चलने पर तारों में शार्ट हुआ और उसकी चिंगारी छप्पर पर गिरी जिससे आग लग गई। आग लगने पर रचना और हर्ष तो जैसे तैसे भाग लिए पर बाकी तीनों बच्चे आग में फंस गए। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों ने काफी मशक्कत के बाद छ: माह के आलोक को निकाला पर दोनों बच्चियों की जिंदा जल कर मौत हो गई। भाषा सं.

छत पर बने छप्पर में आग लगने से दो सगी बहनों की मौत (फाइल)
छत पर बने छप्पर में आग लगने से दो सगी बहनों की मौत (फाइल)


आगरा: आगरा के बसई जगनेर थानाक्षेत्र के करहकी गांव में घर की छत पर बने छप्पर में बुधवार को लोटेंशन (एलटी) तार से निकली चिंगारी से आग लग गई जिसकी चपेट में आने से दो सगी बहनों की मौत हो गई और छह माह का एक बच्चा गंभीर रूप से झुलस गया। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। बसई जगनेर थाना के प्रभारी सुनील तोमर ने बताया कि बच्चियों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया तथा आग से झुलसे बच्चे की हालत में इस समय सुधार है। उन्होंने बताया कि करहकी गांव के जाटव बस्ती में रहने वाले वीरेंद्र आगरा में मजदूरी करते हैं और उसके पांच बच्चे रचना (सात) वर्ष, हर्ष (पांच), कनक (चार), वीनेश (तीन) और आलोक (छ: माह) थे। तोमर ने बताया कि बुधवार की दोपहर रचना और हर्ष छत पर खेल रहे थे और उनकी मां गीता ने कनक, वीनेश और मासूम आलोक को वहीं छप्पर के नीचे सुला दिया था और खुद नीचे आकर घर के काम निपटा रही थी। उन्होंने बताया कि वीरेंद्र ने मकान की छत पर छप्पर डाला हुआ था और मकान के ऊपर से लोटेंशन तार गुजरता है। थाना प्रभारी ने बताया कि बुधवार दोपहर हवा चलने पर तारों में शार्ट हुआ और उसकी चिंगारी छप्पर पर गिरी जिससे आग लग गई। आग लगने पर रचना और हर्ष तो जैसे तैसे भाग लिए पर बाकी तीनों बच्चे आग में फंस गए। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों ने काफी मशक्कत के बाद छ: माह के आलोक को निकाला पर दोनों बच्चियों की जिंदा जल कर मौत हो गई।










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