लखनऊ, अयोध्या समेत देश भर में 54 रेलवे स्टेशनों का होगा कायाकल्प, यात्रियों को मिलेंगी अत्याधुनिक सुविधाएं

डीएन ब्यूरो

पुनर्विकास योजना के तहत इन स्टेशनों में विशाल रूफ प्लाजा, फूड कोर्ट, वेटिंग लाउंज, चिल्ड्रन प्ले एरिया, स्थानीय उत्पादों के लिए खास स्थान आदि जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन का भी होगा कायाकल्प
लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन का भी होगा कायाकल्प


नई दिल्ली: रेल यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करने, रोजगार सृजन और आर्थिकी को मजबूत बनाने के लिये देश के विभिन्न राज्यों में स्थित 54 प्रमुख रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प किया जायेगा। इनमें से 40 रेलवे स्टेशनों का पुर्नविकास कार्य शुरू किया जा चुका है जबकि 14 रेलवे स्टेशनों के पुर्नविकास के लिये टेंडर प्रक्रिया जारी है। अगले 5 महीनों में इन 14 स्टेशनों का पुर्नविकास कार्य भा शुरू हो जायेगा। 

इन रेलवे स्टेशनों में देश की राजधानी दिल्ली में स्थित बिजवासन समेत महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, बिहार, केरल, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, केरल, झारखंड, पुड्डूचेरी, तमिलनाडू, तेलंगाना, कर्नाटक आदि राज्यों में स्थित अलग-अलग स्टेशन शामिल हैं। 

इनमें अयोध्या, गया, पुरी, रामेश्वरम, सोमनाथ, एर्नाकुलम, लखनऊ (चारबाग), साबरमती, जम्मू तवी, भुवनेश्वर, विशाखापट्टनम, पुडुचेरी, नागपुर, जयपुर, जैसलमेर, रांची, जैसे कई ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक महत्व और भीड़भाड़ वाले रेलवे स्टेशन भी शामिल हैं। 

पुनर्विकास योजना के तहत इन स्टेशनों में विशाल रूफ प्लाजा, फूड कोर्ट, वेटिंग लाउंज, चिल्ड्रन प्ले एरिया, स्थानीय उत्पादों के लिए खास स्थान आदि जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसके साथ ही सभी रेलवे स्टेशनों को परिवहन के विभिन्न साधनों जैसे मेट्रो, बस आदि और अन्य स्टेशनों के साथ शहर के दोनों किनारों को भी जोड़ेगा।

सभी रेलवे स्टेशनों पर 'दिव्यांगजनों' के लिए ग्रीन बिल्डिंग टेक्नॉलजी और अन्य सुविधाओं को स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा इन स्टेशनों पर रेलवे यात्रियों के साथ-साथ आम जनता के लिए स्टेशन पर 'सिटी सेंटर' जैसी सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। 

हालांकि रेल मंत्रालय ने इन स्टेशनों पर होने वाले पुनर्विकास कार्यों की अवधि या समय सीमा को स्पष्ट नहीं किया है।  रेलवे का कहना है कि पुनर्विकास और स्टेशन विकास कार्यक्रम एक जटिल प्रक्रिया है, इसमें कई हितधारक और विभिन्न तरह की मंजूरियां भी शामिल हैं। इसलिये इन स्टेशनों पर यात्रियों को उक्त सुविधाएं कबसे मिलेंगी, इसके बारे में साफ नहीं कहा जा सकता।










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