राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विभिन्न मंत्रालयों में तैनात 162 आईएएस अधिकारियों को किया संबोधित, जानिये क्या कहा

डीएन ब्यूरो

राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में हुई इस मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति ने सिविल सेवकों को संबोधित भी किया और भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने को कहा। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

राष्ट्रपति मुर्मू और आईएएस अफसर
राष्ट्रपति मुर्मू और आईएएस अफसर


नई दिल्ली: विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में सहायक सचिवों के पद पर तैनात भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 162 अधिकारियों ने सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। ये सभी अफसर वर्ष 2021 बैच के हैं। राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में हुई इस मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति ने सिविल सेवकों को संबोधित भी किया और भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने को कहा। 

राष्ट्रपति मुर्मू ने आईएएस अफसरों को संबोधित करते हुए कहा कि उनका सेवा अधिकार, भूमिका और दायित्व किसी भी अन्य सेवा से अलग है। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा महज एक नौकरी नहीं बल्कि एक मिशन है। यह भारत और भारतीयों को सुशासन के ढांचे के तहत अग्रणी बनाने का मिशन है। 

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत को एक समावेशी और विकसित राष्ट्र बनाना उनका सामूहिक लक्ष्य है। उनके पास वर्ष 2047 के विकसित राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का महान अवसर है। 

उन्होंने कहा कि 2019 से 2022 के बैच में महिला आईएएस अधिकारियों का प्रतिशत 28 से 34 प्रतिशत के बीच था। यह जानकर बहुत खुशी हुई कि 2023 बैच के लिए महिला आईएएस अधिकारियों का प्रतिशत 42 प्रतिशत तक पहुंच गया है। साथ ही, शीर्ष 25 रैंक में से 14 पदों पर महिलाओं का कब्जा है। ये देश के लिए सकारात्मक बदलाव की ताज़ा बयार हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि निर्धनों और वंचितों की भावनाओं को समझने वाला सिविल सेवक ही वास्तव में सच्चा सिविल सेवक होता है, जो केवल नौकरशाही से अलग होता है। समाज के वंचित वर्गों का उत्थान करना सिविल सेवकों के लिए विश्वास का विषय होना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि सिविल सेवकों को 'फ़ाइल से फ़ील्ड' और 'फ़ील्ड से फ़ाइल' के बीच के अन्तर को समझने का प्रयास करना चाहिए यानि उन्हें केवल कार्यालय और फाइलों से परे जाकर व्यक्तियों के कष्टों और भावनाओं को समझना होगा।










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