बिहार में 2012 के हथियार जब्ती मामले में तीन नक्सली कैडरों को 10 से 12 साल की जेल

डीएन ब्यूरो

पटना में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अदालत ने 2012 के हथियार और गोला-बारूद जब्ती मामले में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी (भाकपा-माओवादी) के तीन कैडरों को दोषी ठहराते हुए 10 से 12 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

नक्सली कैडरों को 10 से 12 साल की जेल
नक्सली कैडरों को 10 से 12 साल की जेल


नयी दिल्ली: पटना में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अदालत ने 2012 के हथियार और गोला-बारूद जब्ती मामले में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी (भाकपा-माओवादी) के तीन कैडरों को दोषी ठहराते हुए 10 से 12 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उदित नारायण सिंह और अखिलेश सिंह को 12-12 साल सश्रम कारावास और पांच-पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी गयी। संघीय एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि अर्जुनजी को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है और 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

अधिकारी ने कहा कि जुर्माना अदा न करने पर तीनों को तीन महीने की अतिरिक्त साधारण कैद की सजा भुगतनी होगी। सोमवार को अदालत ने सजा सुनाई। एनआईए ने उन पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए थे।

अधिकारी ने कहा कि तीनों को शनिवार को दोषी ठहराया गया था जब अदालत ने उन्हें प्रतिबंधित और गैर-निषिद्ध हथियारों और गोला-बारूद के साथ-साथ प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) द्वारा उग्रवादी हमलों में इस्तेमाल के लिए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) और बम बनाने के लिए विस्फोटक रखने का दोषी पाया था।

आरोपियों में भाकपा (माओवादी) के सभी सक्रिय कैडर शामिल हैं, जिनके पास उग्रवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ‘वसूली’ के रूप में एकत्र की गई नकदी भी पाई गई।

औरंगाबाद की पुलिस ने शुरू में तीन आरोपियों के घरों पर छापेमारी के एक दिन बाद 26 मार्च 2012 को मामला दर्ज किया था। प्रवक्ता ने कहा कि छापेमारी इस गुप्त सूचना के बाद की गई कि भाकपा(माओवादी) के कुछ सक्रिय कैडर आतंकी साजिश को अंजाम देने के लिए औरंगाबाद में इकट्ठे हुए थे।

छापेमारी के दौरान पुलिस ने हथियार, मैगजीन, भारी मात्रा में गोला-बारूद, आरपीजी ग्रेनेड, रासायनिक पदार्थ, एक वाहन, मोबाइल सेट, 3.34 लाख रुपये की भारतीय मुद्रा के साथ-साथ नक्सली साहित्य और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए थे। अधिकारी ने बताया कि छापेमारी के बाद तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस द्वारा बाद की जांच में तीनों के खिलाफ आरोप पत्र के साथ-साथ एक पूरक आरोप पत्र भी दाखिल किया गया। एनआईए ने मामले को अपने हाथ में लेने के बाद आगे की जांच की और 6 जून 2015 को एक और पूरक आरोप पत्र दाखिल किया।










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