Kazakhstan: नागपुर की युवा निशानेबाज अनन्या नायडू ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन कर दिया है। कजाकिस्तान के श्यामकेरेट में चल रही 16वीं एशियाई निशानेबाजी चैंपियनशिप में अनन्या ने 10 मीटर एयर राइफल महिला टीम स्पर्धा में भारत के लिए कांस्य पदक जीता। यह अनन्या का पहला अंतरराष्ट्रीय पदक है। इस टीम स्पर्धा में उनके साथ एलावेनिल वालारिवन और मेहुली घोष शामिल थीं। भारतीय टीम ने कुल 1891 अंक अर्जित कर तीसरा स्थान हासिल किया, जबकि चीन ने 1902 अंकों के साथ स्वर्ण और कोरिया ने 1897.5 अंकों के साथ रजत पदक पर कब्जा जमाया।
व्यक्तिगत वर्ग में 3 अंकों से चूकीं
टीम स्पर्धा के अलावा अनन्या ने व्यक्तिगत मुकाबले में भी भाग लिया, जहां वह कुल 630 अंकों के साथ प्रदर्शन में तो मजबूत रहीं, लेकिन फाइनल राउंड में पहुंचने से महज 3 अंक से चूक गईं। उनके प्रदर्शन में लगातार सुधार दिखा – पहले राउंड में 103.6, फिर 104.5, 104.4, 105.4, 106.7 और आखिरी राउंड में 105.4 अंक हासिल किए। यह अंक भारतीय टीम को कांस्य दिलाने में निर्णायक रहे।
राइफल बनी सच्ची दोस्त
मैच के बाद अनन्या ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, “भारत के लिए पदक जीतना मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा है।” अनन्या ने बताया कि उन्होंने मॉडलिंग छोड़कर राइफल को अपनी सच्ची दोस्त बना लिया और तभी से ओलंपिक में पदक जीतने का सपना देख रही हैं। उनके अनुसार इस पदक के पीछे 8 साल की कड़ी मेहनत, अनुशासन, शारीरिक तैयारी और मानसिक एकाग्रता का योगदान है। उन्होंने अपने कोच अंजलि भागवत को विशेष धन्यवाद देते हुए कहा कि उनकी सिखाई गई बारीकियों ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया।
2016 में शुरू किया सफर
अनन्या का निशानेबाजी सफर 2016 में शुरू हुआ, जब उन्होंने बिना किसी बड़ी तैयारी के इस खेल को करियर के रूप में चुना। अपनी पहली राइफल उन्होंने लोन पर खरीदी थी। नागपुर में जब उन्हें अच्छी कोचिंग नहीं मिली, तो 2022 में उन्होंने पुणे जाकर अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज अंजलि भागवत से प्रशिक्षण लेना शुरू किया।
30 दिसंबर 2024 को अनन्या ने राष्ट्रीय स्तर पर अपना पहला स्वर्ण पदक जीतकर नागपुर की पहली महिला निशानेबाज बनने का गौरव हासिल किया। इसके बाद जून 2025 में उन्होंने म्यूनिख में हुए ISSF विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया और अब एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।
नागपुर से चांद तक का सफर
अनन्या नायडू की यह यात्रा इस बात का प्रतीक है कि अगर लगन और हौसला हो, तो सीमाएं नहीं होतीं। लोन पर खरीदी गई राइफल आज उन्हें देश के लिए पदक दिला चुकी है और अब उनका अगला लक्ष्य ओलंपिक में भारत के लिए स्वर्ण जीतना है।