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जीत के जोश में बच्चे बने गंभीर, मोर्कल ने किया ऐसा काम कि हर कोई रह गया हैरान- देखें VIDEO

भारत ने ओवल टेस्ट में इंग्लैंड को 6 रन से हराकर टेस्ट इतिहास की अपनी सबसे करीबी जीत दर्ज की। मैच के बाद ड्रेसिंग रूम में जश्न का वीडियो सामने आया, जिसमें कोच गौतम गंभीर बच्चों की तरह उछलते दिखे और मोर्ने मोर्कल ने उन्हें गोद में उठा लिया।
Post Published By: Mrinal Pathak
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जीत के जोश में बच्चे बने गंभीर, मोर्कल ने किया ऐसा काम कि हर कोई रह गया हैरान- देखें VIDEO

New Delhi: भारत और इंग्लैंड के बीच ओवल टेस्ट का पांचवां दिन एक ऐतिहासिक सुबह लेकर आया। भारत को जीत के लिए इंग्लैंड के आखिरी चार विकेट चाहिए थे और इंग्लैंड को सिर्फ 35 रन। स्टेडियम में एक अलग ही टेंशन महसूस की जा रही थी जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल था। लेकिन जैसे ही मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने अपने धारदार स्पेल में विकेट चटकाने शुरू किए, पलड़े का झुकाव भारत की ओर होता गया।

अंत में भारत ने यह मुकाबला महज 6 रन से जीत लिया, जो टेस्ट इतिहास में भारत की सबसे छोटी रन अंतर की जीत बनी। इस जीत के बाद कोच गौतम गंभीर और मोर्ने मोर्कल ने बच्चों की तरह जश्न मनाया।

ड्रेसिंग रूम में जज्बातों का सैलाब

जैसे ही आखिरी विकेट गिरा, मैदान पर ही नहीं, भारतीय ड्रेसिंग रूम में भी जश्न की लहर दौड़ गई। खिलाड़ियों ने एक-दूसरे को गले लगाया, कैमरे ड्रेसिंग रूम की ओर मुड़े, और बीसीसीआई ने उस अनमोल पल का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा कर दिया। महज 110 सेकंड के इस वीडियो में हर भावना झलक रही थी जैसे डर, तनाव, बेचैनी, उम्मीद, और अंत में जीत की खुशी।

गंभीर-मोर्कल ने बनाया पल को यादगार

टीम इंडिया के मुख्य कोच गौतम गंभीर बच्चों की तरह उछल रहे थे, जैसे उन्हें कोई ट्रॉफी हाथ लग गई हो। सहायक कोच रयान टेन डोएशेट भी पीछे नहीं रहे और झूमते दिखे। गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल ने तो जश्न में गंभीर को ही गोद में उठा लिया। वहीं टीम के फिजियो एड्रियन ले रॉक्स इतनी भावुकता में डूबे थे कि खड़े तक नहीं रह पाए। टीम का हर सदस्य जैसे खुद को इस जीत में झोंक चुका था।

20 जून से शुरू हुई इस सीरीज का सार

20 जून को शुरू हुई यह पांच मैचों की टेस्ट सीरीज रोमांच से भरपूर रही। दो महीने तक खिलाड़ियों ने कड़ी मेहनत की, चोटों से जूझे, रणनीतियां बनाई और हर मैच में खुद को झोंका। इस जीत से पूरी सीरीज को 2-2 से बराबरी पर खत्म हुई। यह ड्रॉ किसी ट्रॉफी जीतने से कम नहीं था। यह टीम इंडिया के जज्बे, धैर्य और आत्मविश्वास की गवाही देता है।

ऐसी जीत, जो इतिहास में दर्ज हो गई

6 रन से मिली यह जीत सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं थी। यह उस भावनात्मक सफर का नतीजा थी जिसे खिलाड़ियों ने महीनों तक जिया। एक ड्रॉ सीरीज जो 100 जीतों से भी बड़ी लगती है, और यही भारतीय क्रिकेट की असली ताकत है।

 

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