Kazakhstan: भारत ने एशियाई निशानेबाजी चैंपियनशिप 2025 में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। कज़ाकिस्तान में आयोजित इस 12-दिनों तक चले प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में भारतीय निशानेबाजों ने कुल 99 पदक जीतकर एशियाई शूटिंग में अपनी बादशाहत साबित कर दी। इस प्रदर्शन ने भारत को पदक तालिका में शीर्ष पर पहुंचा दिया और यह अब तक का भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन बन गया है।
50 गोल्ड समेत कुल 99 पदक
इस बार भारतीय दल ने 50 स्वर्ण, 26 रजत और 23 कांस्य पदक जीतकर कुल 99 पदक अपने नाम किए। पहले दिन से ही भारत ने जबरदस्त शुरुआत की और अंत तक पदकों की झड़ी लगती रही। यह प्रदर्शन भारत की निशानेबाजी ताकत को दर्शाता है और आने वाले ओलंपिक के लिए मजबूत संकेत देता है।
Asian Shooting Championships 2025: India completes its most successful campaign with 99 medals and 50 gold medalshttps://t.co/ZZT8cvue44
— MSN India (@msnindia) August 31, 2025
टॉप 3 देशों की रैंकिंग
भारत इस एशियाई निशानेबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदकों के लिहाज से भी पहले स्थान पर रहा।
- भारत: 50 गोल्ड (कुल 99 पदक)
- कज़ाकिस्तान: 21 गोल्ड (कुल 70 पदक)
- चीन: 15 गोल्ड (कुल 37 पदक)
यह तालिका साफ दर्शाती है कि भारत ने इस बार एशियाई दिग्गजों को पीछे छोड़ दिया है।
सीनियर टीम ने किया ओलंपिक स्पर्धाओं में धमाका
ओलंपिक से जुड़ी 15 स्पर्धाओं में भी भारत ने शानदार प्रदर्शन किया।
- 6 स्वर्ण,
- 2 रजत और
- 3 कांस्य
ये रहे भारत के स्टार निशानेबाज
- एलावेनिल वालारिवन ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल में एशियाई रिकॉर्ड बनाते हुए गोल्ड जीता। उन्होंने अर्जुन बाबूता के साथ मिक्स्ड टीम इवेंट में भी स्वर्ण पदक जीता।
- नीरू ढांडा ने महिलाओं की ट्रैप स्पर्धा में भारत का पहला स्वर्ण दिलाया।
- शिफ़्ट कौर ने 50 मीटर राइफल थ्री-पोज़िशन में भारत के लिए पहला एशियाई खिताब जीता।
- ऐश्वर्या प्रताप सिंह तोमर ने पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री-पोज़िशन में 462.5 अंकों के साथ गोल्ड अपने नाम किया।
- राज कंवर सिंह संधू ने 25 मीटर सेंटर फायर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण जीतकर सबका ध्यान खींचा।
182 एथलीटों की मेहनत का शानदार नतीजा
इस टूर्नामेंट के लिए भारत ने कुल 182 एथलीटों को भेजा था। जिनमें से कई युवा और अनुभवी निशानेबाजों ने देश को गौरवान्वित किया। खास बात यह रही कि 99 में से 55 पदक व्यक्तिगत रूप से जीते गए, जबकि बाकी टीम इवेंट से आए।
अगर एक और पदक आ जाता तो भारत का स्कोर शतक में तब्दील हो जाता, लेकिन यह प्रदर्शन पहले से ही इतिहास में दर्ज हो चुका है।