राजस्थान न्यायिक सेवा 2025 का परिणाम घोषित कर दिया गया है, जिसमें भीलवाड़ा निवासी आशुतोष शर्मा ने 12वीं रैंक हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है। हाई कोर्ट प्रशासन द्वारा जारी परिणाम में कुल 44 अभ्यर्थी सफल हुए हैं।

आशुतोष शर्मा
Bhilwara: राजस्थान हाई कोर्ट प्रशासन ने राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा 2025 का परिणाम घोषित कर दिया है। इस प्रतिष्ठित परीक्षा में भीलवाड़ा के होनहार युवा आशुतोष शर्मा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 12वीं रैंक प्राप्त की है।
आशुतोष शर्मा की इस उपलब्धि से न केवल परिवार, बल्कि पूरे जिले में खुशी की लहर है। आशुतोष ने कुल 188 अंक अर्जित कर न्यायिक सेवा में अपना स्थान सुनिश्चित किया है।
आशुतोष शर्मा ने अपनी सफलता का श्रेय निरंतर परिश्रम, अनुशासन और असफलताओं से सीखने की आदत को दिया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने वर्ष 2020 में दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई शुरू करते समय ही राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा की तैयारी प्रारंभ कर दी थी। शुरुआती प्रयासों में उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
पिछले वर्ष उन्होंने परीक्षा उत्तीर्ण कर साक्षात्कार तक का सफर तय किया, हालांकि अंतिम चयन नहीं हो सका। इसके बावजूद आशुतोष ने निराश होने के बजाय अपनी तैयारी को और मजबूत किया और इस वर्ष सफलता हासिल की।
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आशुतोष के जीवन में कानून के प्रति रुचि बचपन से ही रही है। उनके पिता गणेश लाल शर्मा पेशे से अधिवक्ता हैं। बचपन में जब वह अपने पिता के साथ न्यायालय जाते थे, तो उनका ध्यान हमेशा न्यायाधीश की कुर्सी की ओर जाता था। वहीं से उनके मन में न्यायिक सेवा में जाने का सपना आकार लेने लगा।
उल्लेखनीय है कि आशुतोष शर्मा राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर की मुख्य पीठ में सहायक अतिरिक्त महाधिवक्ता के पद पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इस अनुभव ने उन्हें न्यायिक प्रक्रिया को नजदीक से समझने का अवसर दिया, जो परीक्षा की तैयारी में भी सहायक साबित हुआ।
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राजस्थान न्यायिक सेवा 2025 के परिणामों की बात करें तो इस वर्ष कुल 44 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए हैं। परीक्षा में मधुलिका यादव ने 205.5 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान हासिल किया है। खास बात यह रही कि इस बार महिला अभ्यर्थियों का दबदबा देखने को मिला। चयनित 44 अभ्यर्थियों में से 28 महिलाएं न्यायाधीश बनी हैं, जबकि टॉप-10 रैंक में 9 स्थान महिलाओं ने हासिल किए हैं।