Bhilwara: राज्यभर में स्लीपर कोच बस संचालकों की हड़ताल का असर शनिवार को पहले ही दिन स्पष्ट रूप से देखने को मिला। भीलवाड़ा जिले में अधिकांश निजी स्लीपर कोच बसें सड़कों से नदारद रहीं, जिससे लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। शहर के प्रमुख बस स्टैंडों और होटल लैंडमार्क चौराहे पर सामान्य दिनों की तरह बसों की भीड़ नजर नहीं आई, जिससे सन्नाटा छा गया।
लंबी दूरी की यात्राएं प्रभावित
हड़ताल के कारण भीलवाड़ा से उदयपुर, जयपुर, दिल्ली, जोधपुर, अहमदाबाद, मथुरा और अन्य प्रमुख शहरों के लिए स्लीपर कोच बस सेवाएं पूरी तरह ठप रहीं। यात्रियों को मजबूरन राजस्थान रोडवेज की बसों या निजी टैक्सियों का सहारा लेना पड़ा। रोडवेज बसों में सीटें फुल होने से कई यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ा। वहीं, निजी वाहनों और टैक्सियों के किराए में अचानक बढ़ोतरी दर्ज की गई, जिससे यात्रियों की जेब पर भी असर पड़ा।
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बस मालिकों की प्रमुख मांगें
स्लीपर कोच बस मालिक संगठन ने सरकार द्वारा लागू किए गए नए परिवहन नियमों और फिटनेस मानकों का विरोध जताया है। बस संचालकों का कहना है कि नए नियमों के तहत बसों की संरचना, सुरक्षा उपकरणों और फिटनेस मानकों में कई तकनीकी बदलाव अनिवार्य किए गए हैं, जिससे उनका परिचालन खर्च बढ़ जाएगा। छोटे स्तर पर काम करने वाले बस मालिकों के लिए इन नियमों को लागू करना आर्थिक रूप से संभव नहीं है। उनका कहना है कि सरकार को इन प्रावधानों में राहत देते हुए व्यावहारिक समाधान निकालना चाहिए।
राज्य में स्लीपर कोच बसों की हड़ताल का असर
भीलवाड़ा में पहले दिन यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं।
उदयपुर, जयपुर, दिल्ली सहित कई रूटों पर बसें ठप, रोडवेज में बढ़ी भीड़ और निजी वाहनों के किराए में उछाल।
बस मालिक नए परिवहन नियमों के खिलाफ आंदोलनरत, यात्रियों ने सरकार से जल्द समाधान की… pic.twitter.com/DRrqfVfGTK
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) November 1, 2025
सरकार से जल्द समाधान की मांग
हड़ताल के चलते यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचने के लिए कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई यात्रियों ने कहा कि दीपावली के बाद विवाह और त्योहारी सीजन में यात्रा की मांग बढ़ती है, ऐसे में बसों की कमी से आमजन को भारी असुविधा होगी। यात्रियों ने राज्य सरकार और परिवहन विभाग से अपील की है कि वे बस मालिकों से वार्ता कर जल्द कोई सकारात्मक समाधान निकालें, ताकि जनजीवन सामान्य हो सके।
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स्लीपर कोच बसों की हड़ताल से भीलवाड़ा सहित पूरे राज्य में यातायात व्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है। यदि यह आंदोलन लंबा चला, तो न केवल यात्रियों की परेशानी बढ़ेगी बल्कि पर्यटन और व्यापार पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। अब सबकी निगाहें सरकार और बस संचालकों के बीच होने वाली वार्ता पर टिकी हैं, जिससे स्थिति में जल्द सुधार की उम्मीद की जा रही है।

