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सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मतदाता सूची में आधार को न मानने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की घोषणा की। उन्होंने सरकार पर जमीन कब्जे और प्रशासनिक भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। साथ ही पीडीए वोटों की सुरक्षा का ऐलान किया।
अखिलेश यादव
Lucknow: लखनऊ में आयोजित समाजवादी पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने घोषणा की कि समाजवादी पार्टी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) में आधार को न मानने के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार अपने ही दस्तावेज को नकार रही है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही आधार को वैध माना है।
सपा प्रमुख ने केंद्र और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि प्रशासन मतदाता सूची में गड़बड़ी कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने ही कागज़ों को नहीं मान रही है। जब सरकार ही अपने दस्तावेजों पर भरोसा नहीं करेगी, तो जनता का विश्वास कैसे कायम रहेगा? अखिलेश यादव ने यह भी जोड़ा कि मतदाता सूची में गड़बड़ी करना लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने चुनाव आयोग से भी निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की और कहा कि समाजवादी पार्टी हर स्तर पर न्याय के लिए संघर्ष करेगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अखिलेश यादव ने एक और बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अखिलेश दुबे केस बेहद दिलचस्प है और जब इसका खुलासा होगा तो कई बड़े अधिकारी और आईपीएस अफसर फंस सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अखिलेश दुबे से इतनी घबराई हुई है कि कभी-कभी लगता है कि उसे जेल में नुकसान न पहुंचा दिया जाए। लेकिन जब तक हम लोग याद करते रहेंगे, तब तक कुछ नहीं होगा। अगर जनता उसे भूल गई, तो पता नहीं क्या होगा।
अखिलेश यादव ने प्रदेश में जमीन कब्जे के बढ़ते मामलों पर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि मेरठ में बड़े पैमाने पर जमीनों पर अवैध कब्जा किया गया है और अब लखनऊ में भी जमीन कब्जाने की तैयारी चल रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। रसूलाबाद जैसे इलाकों में भी लोगों की जमीनें छीनी जा रही हैं। यह जनता के हक पर डाका डालने जैसा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी का पूरा प्रयास रहेगा कि पीडीए वर्ग का कोई भी वोट न कटे और किसी भी तरह की बेईमानी चुनाव प्रक्रिया में न हो। उन्होंने कहा कि हम हर बूथ पर चौकसी रखेंगे, हर कार्यकर्ता को सतर्क रहना होगा। विरोधी पार्टी चाहे जितनी चालें चल ले, हम लोकतंत्र की रक्षा करेंगे।
सपा अध्यक्ष ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी कानूनी टीम ने पूरे मामले पर काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट में यह साबित करेंगे कि आधार कार्ड नागरिक की पहचान का वैध साधन है और इसे मतदाता सूची से जोड़ना पारदर्शिता के लिए जरूरी है। अखिलेश यादव ने कहा कि अगर सरकार पारदर्शी है, तो उसे आधार से डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर आधार को दरकिनार कर रही है ताकि मतदाता सूची में हेरफेर की जा सके।