सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है जब चांद पृथ्वी और सूरज के बिल्कुल बीच आ जाता है। इस दौरान चांद सूरज को ढकता है, जिससे दिन में अचानक हल्का अंधेरा छा जाता है। यह एक अद्भुत दृश्य होता है, जिसे “पूर्ण सूर्य ग्रहण” कहा जाता है। इसके दौरान आसमान में तारे भी दिखाई देने लगते हैं और तापमान में भी हल्का सा बदलाव होता है।

2027 का सूर्य ग्रहण खास होने जा रहा है, क्योंकि यह 100 साल में सबसे लंबा सूर्य ग्रहण होगा। यह घटना 2 अगस्त 2027 को घटित होगी और पूरा सूर्य ग्रहण 6 मिनट 23 सेकंड तक चलेगा। इस दौरान सूरज पूरी तरह से ढका रहेगा, जो एक बहुत ही दुर्लभ अनुभव है। (Img- Internet)
NASA की रिपोर्ट के अनुसार, 2027 का सूर्य ग्रहण दक्षिणी यूरोप से शुरू होकर उत्तरी अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और हिंद महासागर तक जाएगा। इसका 'Path of Totality' दक्षिणी यूरोप से स्पेन और पुर्तगाल होते हुए मोरक्को, अल्जीरिया, लीबिया, मिस्र, सऊदी अरब, यमन और सोमालिया से गुजरते हुए हिंद महासागर में समाप्त होगा। (Img- Internet)
यह मार्ग लगभग 100 से 200 किलोमीटर चौड़ा होगा, जहां सूर्य कुछ मिनटों के लिए पूरी तरह से ढक जाएगा। भारत में इस सूर्य ग्रहण का पूरा दृश्य नहीं दिखाई देगा, क्योंकि भारत इस 'Path of Totality' के बाहर स्थित है। हालांकि, भारत के पश्चिमी हिस्सों, खासकर गुजरात और महाराष्ट्र में इसका आंशिक रूप दिखाई देगा। (Img- Internet)
यह सूर्य ग्रहण भारत में लगभग दोपहर 3:34 बजे से शाम 5:53 बजे तक दिख सकता है। समय अलग-अलग शहरों में थोड़ा भिन्न हो सकता है। हालांकि सूर्य पूरी तरह से नहीं ढकेगा, लेकिन कुछ समय के लिए रोशनी में हल्का बदलाव महसूस होगा। (Img- Internet)
2027 का सूर्य ग्रहण इसलिए खास है क्योंकि इस समय चांद अपनी कक्षा में पृथ्वी के काफी करीब होगा। जब चांद पृथ्वी के पास होता है, तो वह आसमान में बड़ा दिखाई देता है और इसे सूरज को लंबे समय तक पूरी तरह ढकने का अवसर मिलता है। (Img- Internet)
यह वैज्ञानिकों के लिए भी महत्वपूर्ण अवसर होगा, क्योंकि सूर्य ग्रहण के दौरान वे सूरज के कोरोना, उसकी आंतरिक संरचनाओं और अन्य खगोलीय घटनाओं का गहराई से अध्ययन कर सकेंगे। (Img- Internet)
No related posts found.