

1 अगस्त से आपकी रोजमर्रा की जिंदगी और जेब से जुड़े कई नियमों में बदलाव लागू हो गया है। UPI से लेकर बैंकिंग, ऑटोपे से लेकर एलपीजी तक—कई नियम अब पहले जैसे नहीं रहेंगे। अगर आप समय रहते नहीं जागे, तो नुकसान भी हो सकता है।
UPI, बैंकिंग और LPG गैस के नियम? (सोर्स इंटरनेट)
New Delhi: हर महीने की पहली तारीख कुछ नए नियमों की सौगात लेकर आती है। अगस्त की पहली तारीख भी इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए कई अहम बदलाव लेकर आई है। खास बात यह है कि इन बदलावों का सीधा असर आम जनता की जेब, उनकी डिजिटल पेमेंट आदतों और बैंकिंग से जुड़ी गतिविधियों पर पड़ने वाला है।
सबसे बड़ा और चौंकाने वाला बदलाव यूपीआई (UPI) से जुड़ा है। अब एक दिन में आप सिर्फ 50 बार ही बैलेंस चेक कर पाएंगे। इससे ज्यादा बार ट्राई करने पर आपको मैसेज मिलेगा कि आप लिमिट क्रॉस कर चुके हैं। इसके अलावा, बैंक अकाउंट्स की लिस्ट भी एक दिन में सिर्फ 25 बार ही देखी जा सकेगी।
UPI बैलेंस चेक लिमिट – 50 बार/दिन
अकाउंट लिस्ट देखने की लिमिट – 25 बार/दिन
ऑटोपे लेनदेन अब सिर्फ गैर-पीक समय में
UPI फेल ट्रांजेक्शन – 3 बार स्टेटस चेक का मौका
पैसे भेजते समय प्राप्तकर्ता का नाम दिखेगा
बैंकिंग संशोधन कानून लागू
IEPF को फंड ट्रांसफर की मंजूरी
UPI ऑटोपे लेनदेन में भी समय को लेकर बड़ा बदलाव किया गया है। अब आपके ईएमआई, म्यूचुअल फंड SIP और ओटीटी सब्सक्रिप्शन जैसे भुगतान गैर-पीक आवर्स यानी कम व्यस्त समय में ही प्रोसेस होंगे। नए टाइम स्लॉट हैं—सुबह 10 बजे से पहले, दोपहर 1 से 5 बजे के बीच, और रात 9:30 बजे के बाद। इसका मतलब यह है कि अब पेमेंट का समय बदल सकता है, और इसके अनुसार आपको अपनी योजना बनानी होगी।
इसके साथ ही, अगर आपका UPI ट्रांजेक्शन फेल होता है और आप स्टेटस चेक करना चाहते हैं, तो अब आपको सिर्फ तीन बार कोशिश करने का मौका मिलेगा। हर प्रयास के बीच आपको 90 सेकंड का इंतजार करना होगा।
सुरक्षा के लिहाज से एक और बड़ा कदम उठाया गया है। अब जब आप किसी को पैसे भेजेंगे, तो उस व्यक्ति का नाम स्क्रीन पर साफ तौर पर दिखाई देगा। इससे गलत व्यक्ति को पैसे ट्रांसफर करने की संभावना काफी कम हो जाएगी।
बैंकिंग सेक्टर की बात करें तो बैंकिंग संशोधन अधिनियम, 2025 आज से लागू हो गया है। इसके तहत सरकारी बैंकों और सहकारी बैंकों में कई संरचनात्मक सुधार किए गए हैं। अब सरकारी बैंक बिना दावा वाले शेयर और बांड की रकम को 'निवेशक शिक्षा और संरक्षण कोष' (IEPF) में ट्रांसफर कर पाएंगे। साथ ही सहकारी बैंकों में निदेशकों का कार्यकाल भी बढ़ाया जाएगा, जिससे प्रशासन में स्थिरता आ सके।
एलपीजी गैस की कीमतों में भी अगस्त से बदलाव की उम्मीद है, हालांकि इसकी पुष्टि हर महीने की पहली तारीख को होती है। इसलिए आपको अपने क्षेत्र की एलपीजी डीलरशिप या ऐप के माध्यम से कीमत की जांच जरूर करनी चाहिए।
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