बांग्लादेश: पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पक्ष में वकील पन्ना की याचिका खारिज, न्यायाधिकरण ने दी सफाई

बांग्लादेश की विशेष न्यायाधिकरण नई दिलचस्प स्थिति में आ गया है, जब वरिष्ठ वकील जेड.आई. खान पन्ना ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पक्ष में पैरवी करने की कोशिश की, मगर उनके आवेदन को सोमवार को खारिज कर दिया गया। कोर्ट ने साफ किया कि इस मुकदमे में उनके लिए पहले से ही एक वकील नियुक्त है, इसलिए अब किसी नए वकील को शामिल करना संभव नहीं है ।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 12 August 2025, 9:10 PM IST
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New Delhi: बांग्लादेश की विशेष न्यायाधिकरण नई दिलचस्प स्थिति में आ गया है, जब वरिष्ठ वकील जेड.आई. खान पन्ना ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पक्ष में पैरवी करने की कोशिश की, मगर उनके आवेदन को सोमवार को खारिज कर दिया गया। कोर्ट ने साफ किया कि इस मुकदमे में उनके लिए पहले से ही एक वकील नियुक्त है, इसलिए अब किसी नए वकील को शामिल करना संभव नहीं है ।

यह है पूरा मामला

यह मामला मानवता के खिलाफ आरोपों से जुड़ा है, जो शेख हसीना पर जुलाई–अगस्त 2024 की छात्र आक्रोश की हिंसक घटनाओं में भूमिका की वजह से लगाए गए हैं। इस मुकदमे में हसीना और उनके सहयोगी अनुपस्थ थे, जिसके चलते अदालत ने आमिर हुसैन को राज्य द्वारा नियुक्त वकील के रूप में नियुक्त किया है।

न्यायाधीशों ने पन्ना के आवेदन की समय सीमा और प्रयोजन पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि नए वकील की नियुक्ति अब संभव नहीं है—“यह गाड़ी स्टेशन से शुरू हो चुकी है और अब उसमें चढ़ने की इजाज़त नहीं मिल सकती।”

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वहीं, ब्रिटिश पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता डेविड बर्गमैन ने इस मामले में दिलचस्प कानूनी चिंता जताई है। दो आरोपियों के लिए एक ही वकील नियुक्त करने से हित संघर्ष हो सकता है, खासकर यदि वे एक दूसरे के खिलाफ गवाही देते हैं। उन्हें समय की कमी का भी डर है—वकील को सबूत सौंपे जाने के बाद मुकदमा शुरू हो गया था, जिससे न्यायिक तैयारी संभव नहीं हो पाती।

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सारांश में, विशेष न्यायाधिकरण ने स्पष्ट कर दिया है कि शेख हसीना के लिए राज्य-नियुक्त वकील को ही प्रतिनिधित्व अधिकार प्राप्त है और पन्ना का आवेदन अब स्वीकार्य नहीं है। यह निर्णय बांग्लादेश में न्याय प्रणालियों की प्रक्रिया, समय सीमा और वैधानिक मर्यादाओं पर नए प्रश्न उठा रहा है।

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