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गहरे समुद्र में क्यों सुरक्षित रहते हैं बड़े जहाज, किनारों के पास क्यों बढ़ जाता सुनामी का खतरा?

रूस में आए शक्तिशाली भूकंप के बाद जापान, अमेरिका और न्यूजीलैंड समेत कई देशों में सुनामी का अलर्ट जारी कर दिया गया है। कुछ तटीय इलाकों में ऊंची लहरें भी देखी गई हैं, जिससे लोगों में चिंता बढ़ गई है। लेकिन सवाल उठता है कि अगर कोई जहाज या क्रूज़ उस समय समुद्र के बीचोंबीच हो, तो क्या वह डूब जाएगा? इस रिपोर्ट में जानिए कि सुनामी की लहरें कैसे काम करती हैं, समुद्र में जहाजों की संरचना कैसी होती है और शिपिंग कंपनियां ऐसे हालात से निपटने के लिए क्या तैयारियां करती हैं।
Post Published By: Asmita Patel
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गहरे समुद्र में क्यों सुरक्षित रहते हैं बड़े जहाज, किनारों के पास क्यों बढ़ जाता सुनामी का खतरा?

New Delhi: रूस में आए भयानक भूकंप के बाद जापान, अमेरिका और न्यूजीलैंड जैसे कई देशों में सुनामी का अलर्ट जारी किया गया। कई तटीय क्षेत्रों में ऊँची लहरें भी देखी गईं। इस बीच एक सवाल बार-बार उठता है- अगर कोई शिप या क्रूज़ सुनामी के समय समुद्र के बीचोंबीच हो तो क्या वह डूब जाएगा? इसका जवाब जितना रोचक है, उतना ही वैज्ञानिक भी। आइए जानें कि सुनामी के दौरान समुद्र में मौजूद जहाजों की स्थिति क्या होती है, वे डूबते क्यों नहीं और किन स्थितियों में खतरा बढ़ जाता है।

कैसे फैला सुनामी का खतरा?

बुधवार सुबह रूस के पास एक भयानक भूकंप आया, जिसकी तीव्रता इतनी ज़्यादा थी कि प्रशांत महासागर के कई तटीय देशों में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई। जापान, न्यूजीलैंड, अमेरिका और दक्षिण-पूर्व एशिया के कई हिस्सों में लोगों को सतर्क रहने को कहा गया। कुछ जगहों पर सुनामी की ऊंची लहरें भी देखी गईं।

सुनामी क्या है और यह कैसे बनती है?

सुनामी का जन्म आमतौर पर समुद्र के भीतर भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट या भूस्खलन से होता है। जब समुद्र की सतह अचानक ऊपर या नीचे उठती है तो पानी की एक बड़ी मात्रा चारों तरफ तेजी से फैलती है। यही तेज रफ्तार लहरें, जब किनारों तक पहुंचती हैं तो वो तबाही मचा सकती हैं।

• सुनामी की लहरें गहरे समुद्र में बहुत तेज गति (800 किमी/घंटा तक) से चलती हैं।
• लेकिन उनकी ऊंचाई उस समय बहुत कम होती है- शायद सिर्फ 1-2 मीटर।
• जैसे-जैसे ये लहरें किनारों की तरफ बढ़ती हैं, पानी उथला होने लगता है और ऊंचाई 10-30 मीटर तक पहुंच सकती है।

बीच समुद्र में मौजूद जहाजों को सुनामी से खतरा क्यों नहीं होता?

कारण यह है कि गहरे समुद्र में सुनामी की लहरें ऊंची नहीं होतीं, वे सिर्फ तेज गति से चलती हैं। जहाजों को ऐसे डिज़ाइन किया गया है कि वे लहरों को ऊपर-नीचे उठकर सहन कर सकते हैं।

• क्रूज़ या कार्गो शिप बहुत भारी और स्थिर होते हैं। वे समुद्र की सतह पर तैरते हैं और लहरों के साथ उठते-बैठते हैं।
• अगर लहर की ऊंचाई 1-2 मीटर है तो यह लहर किसी बड़े शिप के लिए सामान्य झटके जैसी होती है।
• इसके अलावा, शिप्स को समुद्र की अनियमित गतिविधियों से निपटने के लिए ही डिजाइन किया जाता है।

तो फिर खतरा कब होता है?

जहाजों के लिए सुनामी तब खतरनाक बन जाती है, जब वे तट के करीब होते हैं।
• जैसे-जैसे लहरें किनारे की ओर बढ़ती हैं, उनकी गति घटती है लेकिन ऊंचाई बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।
• किनारे के पास पानी उथला होता है, जिससे सुनामी की ऊंचाई 10 से 30 मीटर तक जा सकती है।
• ऐसी स्थिति में, अगर कोई जहाज किनारे पर खड़ा हो या डॉकिंग के लिए तैयार हो, तो वो लहरों की टक्कर से पलट भी सकता है।
इसलिए ज्यादातर सुनामी चेतावनी मिलने पर तटीय जहाजों को समुद्र के अंदर भेज दिया जाता है, ताकि वे लहरों से कम खतरे में रहें।

शिपिंग कंपनियों की क्या तैयारी रहती है?

आजकल की मॉडर्न शिप्स और क्रूज़ में अत्याधुनिक तकनीक होती है, जो उन्हें जलवायु और लहरों की चाल को पहचानने में सक्षम बनाती है। कैप्टन और नेविगेशन सिस्टम को संभावित खतरे की जानकारी मिलती है। ज़रूरत पड़ने पर जहाज को गहरे समुद्र की ओर मोड़ दिया जाता है। इसके अलावा, इंटरनेशनल मरीन ऑर्गनाइजेशन (IMO) और नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) जैसी संस्थाएं भी समय रहते सुनामी अलर्ट जारी करती हैं

क्रूज़ और यात्रियों की सुरक्षा कैसे होती है?

• इमरजेंसी प्लानिंग और लाइफबोट सिस्टम्स पहले से होते हैं।
• सुनामी जैसे प्राकृतिक आपदाओं के लिए क्रू को ट्रेनिंग दी जाती है।
• यात्रियों को जरूरत पड़ने पर सुरक्षित क्षेत्रों में पहुंचाया जाता है।

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