SIR के दौरान BLO को धमकाने पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त चेतावनी, चुनाव आयोग को फटकार, जानिये क्या कहा

कोर्ट ने पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य में बीएलओ को धमकाने की घटनाओं को गंभीर बताया है। अदालत ने चेतावनी दी कि हालात बिगड़े तो पुलिस तैनाती ही समाधान होगा। चुनाव आयोग ने SIR प्रक्रिया की निगरानी के लिए पांच वरिष्ठ IAS अधिकारियों को नियुक्त किया है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 9 December 2025, 1:02 PM IST

New Delhi: उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में बूथ लेवल ऑफिसर्स के साथ हो रही धमकी, दबाव और मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण में आ रही बाधाओं को अत्यंत गंभीर मुद्दा बताया है। अदालत ने सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग (ECI) को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि हालात काबू में नहीं आए तो अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य सरकारों द्वारा सहयोग की कमी बेहद चिंताजनक है और यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है।

बीएलओ को धमकाने की घटनाओं से सुप्रीम कोर्ट नाराज

सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि कई राज्यों, खासकर पश्चिम बंगाल में, बीएलओ को मतदाता सूची सत्यापन के दौरान धमकाया जा रहा है। यह स्थिति मतदाता सूची संशोधन जैसी संवैधानिक प्रक्रिया के लिए अत्यंत घातक है। अदालत ने कहा कि यदि अधिकारियों की सुरक्षा नहीं होगी, तो यह मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर हालात और बिगड़ते हैं, तो पुलिस तैनात करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।

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चुनाव आयोग का जवाब

अदालत की सख्त टिप्पणियों के बाद चुनाव आयोग ने बताया कि उनके पास बीएलओ या अन्य अधिकारी को धमकाने जैसी घटनाओं से निपटने के लिए सभी संवैधानिक और कानूनी अधिकार मौजूद हैं। आयोग ने कहा कि वह राज्य सरकारों के साथ समन्वय बढ़ाकर प्रभावी कार्रवाई करने को तैयार है।

राज्यों की भूमिका पर अदालत की सख्त टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया में राज्य सरकारों के सहयोग की कमी को भी गंभीरता से लिया। अदालत ने कहा कि मतदाता सूची देश की चुनावी प्रणाली की रीढ़ है, और इसमें किसी भी प्रकार की बाधा या हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। अदालत ने टिप्पणी की राज्यों का सहयोग न मिलना चिंता का विषय है। चुनाव आयोग को इस पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

चुनाव आयोग ने SIR के लिए किए बड़े कदम

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की निगरानी को और सुदृढ़ करने के लिए पांच वरिष्ठ IAS अधिकारियों को स्पेशल रोल ऑब्जर्वर (SRO) के रूप में नियुक्त किया है। यह कदम SIR प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की दिशा में उठाया गया है।

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नियुक्त किए गए विशेष पर्यवेक्षक

• कुमार रवि कांत सिंह, संयुक्त सचिव, रक्षा मंत्रालय- प्रेसिडेंसी संभाग के SRO
• नीरज कुमार बांसोद, गृह मंत्रालय- मेदिनीपुर संभाग के SRO
• कृष्ण कुमार निराला, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय- बर्दवान संभाग के SRO

SIR और अंतिम मतदाता सूची जारी करने की तिथि

पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण 4 नवंबर 2025 से शुरू हुआ है। इस दौरान घर-घर सत्यापन, नए वोटरों का पंजीयन और मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाने की प्रक्रिया चल रही है। चुनाव आयोग की योजना के अनुसार अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी 2026 को जारी की जाएगी।

क्या है SIR और क्यों हो रहा है विवाद?

विशेष गहन पुनरीक्षण वह प्रक्रिया है जिसमें मतदाता सूची का व्यापक स्तर पर पुन: सत्यापन किया जाता है। इसमें घर-घर जाकर बीएलओ मतदाताओं की पहचान की पुष्टि करते हैं। लेकिन पश्चिम बंगाल और कुछ अन्य राज्यों में अधिकारियों को धमकाए जाने, राजनीतिक हस्तक्षेप और सहयोग की कमी जैसी शिकायतें सामने आई हैं।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 9 December 2025, 1:02 PM IST