Waqf Amendment Act:’वक्फ केस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी, जानिये अदालत ने क्यों रखा फैसला सुरक्षित

सर्वोच्च अदालत ने वक्फ केस में याचिकाओं की सुनवाई पूरी कर फिलहाल निर्णय को सुरक्षित रख लिया है। संशोधन कानून पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Updated : 22 May 2025, 5:55 PM IST
google-preferred

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं में अंतरिम राहत देने पर अपना निर्णय सुरक्षित रखा है। जहां याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि यह धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है जबकि केंद्र सरकार की ओर से इसे पारदर्शिता के लिए उठाया गया कदम बताया गया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने अंतरिम आदेश सुरक्षित रखने से पहले करीब तीन दिन तक वरिष्ठ अधिवक्ताओं कपिल सिब्बल, राजीव धवन और अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलें सुनीं, जो संशोधित वक्फ कानून के विरोध में याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। केंद्र सरकार की ओर से बचाव में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सरकार का पक्ष रखा है। केंद्र ने इस अधिनियम का पुरजोर बचाव करते हुए कहा कि वक्फ अपने स्वभाव में एक "धर्मनिरपेक्ष अवधारणा" है और इसे रोका नहीं जा सकता, क्योंकि संसद द्वारा पारित किसी कानून को संविधान सम्मत मानने का पूर्वानुमान होता है।

कपिल सिब्बल ने रखा पक्ष

वक्फ केस में याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट में पक्ष रखा। उन्होंने कहा- यह कानून "ऐतिहासिक कानूनी और संवैधानिक सिद्धांतों से पूर्ण विचलन" है। यह "गैर-न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से वक्फ संपत्तियों पर सुनियोजित कब्जा करने" का एक तरीका है। सरकार यह तय नहीं कर सकती कि कौन से मुद्दे उठाए जा सकते हैं।

तीन बिंदू पर मांगी अंतरिम राहत

-अदालतों द्वारा, परंपरागत उपयोग के आधार पर या वक्फनामे के तहत वक्फ घोषित संपत्तियों को डिनोटिफाई करने की शक्ति।
-राज्य वक्फ बोर्डों और केंद्रीय वक्फ परिषद की संरचना, जिसमें याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि पदेन सदस्यों को छोड़कर केवल मुस्लिमों को ही रखा जाए।
-यदि कलक्टर जांच कर यह पाता है कि संपत्ति सरकारी भूमि है, तो उसे वक्फ संपत्ति नहीं माना जाएगा।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के बाद इन्हीं तीन प्रमुख मुद्दों पर अंतरिम आदेश सुरक्षित रख लिया है।

संसद में बिल को मिला बहुमत

गौरतलब है कि लोकसभाा में इस बिल के समर्थन में 288 और विरोध में 232 सांसदों ने वोट किया था। वहीं, संसद के उच्च सदन राज्यसभा में 128 सदस्य विधेयक के पक्ष में और 95 इसके खिलाफ थे। केंद्र सरकार कानून के समर्थन में मजबूती से खड़ी है जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन इसके विरोध में है।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 22 May 2025, 5:55 PM IST