क्‍या है संसद में पेश हुआ ‘राइट टू डिस्कनेक्ट’ बिल? ऑफिस के बाद बॉस का फोन न उठाने की मिलेगी आज़ादी

संसद में पेश हुआ Right to Disconnect Bill 2025 कर्मचारियों को ड्यूटी टाइम के बाद ऑफिस कॉल और ईमेल से आज़ादी दे सकता है। अगर यह कानून बना, तो भारत में वर्क-लाइफ बैलेंस को नया रूप मिलेगा।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 7 December 2025, 11:55 AM IST

New Delhi: अगर आप जॉब करते हैं और ऑफिस छुट्टी के बाद भी बॉस की कॉल, मैसेज या ईमेल से परेशान रहते हैं, तो यह खबर आपके लिए राहत लेकर आ सकती है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की सांसद सुप्रिया सुले ने शुक्रवार को ‘राइट टू डिस्कनेक्ट बिल 2025’ लोकसभा में पेश किया है। यह बिल अगर कानून का रूप लेता है, तो यह देश के करोड़ों कर्मचारियों के वर्क-लाइफ बैलेंस को पूरी तरह बदल सकता है।

आज के डिजिटल दौर में स्मार्टफोन, लैपटॉप और इंटरनेट ने काम को घर तक पहुंचा दिया है। हालत यह हो गई है कि कर्मचारी छुट्टी के बावजूद दफ्तर के काम से पूरी तरह अलग नहीं हो पाते। ऐसे में, यह बिल कर्मचारियों को मानसिक राहत देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

क्या है Right to Disconnect Bill 2025?

राइट टू डिस्कनेक्ट बिल का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी कर्मचारी अपनी तय ड्यूटी टाइम के बाद ऑफिस के काम से पूरी तरह मुक्त रह सके। इसका मतलब यह होगा कि:

  • ऑफिस टाइम के बाद बॉस कॉल, मैसेज या ईमेल का जवाब देना अनिवार्य नहीं होगा
  • कर्मचारी छुट्टी के समय काम से जुड़े दबाव से मुक्त रहेगा
  • कंपनी कर्मचारी पर कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं कर सकेगी
  • ओवरटाइम के स्पष्ट नियम लागू किए जाएंगे

इस बिल का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को मानसिक तनाव, कार्य थकान और निजी जीवन की अनदेखी जैसी समस्याओं से बचाना है।

क्यों जरूरी माना जा रहा है यह बिल?

वर्क फ्रॉम होम और 24x7 कनेक्टिविटी के चलते कर्मचारियों पर लगातार काम का दबाव बढ़ा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बड़ी संख्या में युवा प्रोफेशनल्स बर्नआउट, अनिद्रा और डिप्रेशन जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। बिल के जरिए, सरकार यह संदेश देना चाहती है कि काम के समय और निजी समय के बीच एक स्पष्ट सीमा होनी चाहिए।

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किन लोगों को मिलेगा इस बिल का फायदा?

यह बिल मुख्य रूप से इन सभी को सीधे तौर पर सुरक्षा प्रदान कर सकता है:

  • प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी
  • कॉर्पोरेट कंपनियों में काम करने वाले प्रोफेशनल्स
  • आईटी, बीपीओ और स्टार्टअप सेक्टर के कर्मचारी
  • फिकस्ड शिफ्ट में काम करने वाले कर्मचारी

यह कानून दुनिया के कई देशों में पहले से लागू है। फ्रांस, जर्मनी, इटली और स्पेन जैसे देशों में पहले से ही Right to Disconnect Law लागू है। फ्रांस ने सबसे पहले 2017 में इसे लागू किया था, जहां कंपनियों को कर्मचारियों की छुट्टी के समय संपर्क न करने का नियम मानना पड़ता है।

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क्या होगा बिल पास होने पर?

अगर यह बिल पास होता है तो भारत में:

  • कर्मचारियों की वर्क-लाइफ बैलेंस बेहतर होगी
  • मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होगा
  • कंपनियों को ओवरटाइम के लिए अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा
  • कर्मचारियों का शोषण कम होगा
  • हालांकि, कॉरपोरेट जगत में इसे लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखी जा रही है

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 7 December 2025, 11:55 AM IST