Site icon Hindi Dynamite News

अनिल अंबानी पर बढ़ी ED की सख्ती: लोन फ्रॉड मामले में लुकआउट नोटिस जारी, नहीं कर सकते विदेश यात्रा

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (ADAG) के चेयरमैन अनिल अंबानी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और लोन फ्रॉड के एक गंभीर मामले में लुकआउट नोटिस जारी किया है। यह नोटिस 2017 से 2019 के बीच यस बैंक द्वारा रिलायंस ग्रुप की कंपनियों को दिए गए लगभग ₹3000 करोड़ के लोन में कथित हेराफेरी को लेकर जारी हुआ है। जांच एजेंसी का मानना है कि यह लोन फर्जी कंपनियों में डायवर्ट किया गया, और बैंक अधिकारियों को इसमें रिश्वत भी दी गई हो सकती है।
Post Published By: Asmita Patel
Published:
अनिल अंबानी पर बढ़ी ED की सख्ती: लोन फ्रॉड मामले में लुकआउट नोटिस जारी, नहीं कर सकते विदेश यात्रा

New Delhi: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उद्योगपति अनिल अंबानी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए लुकआउट नोटिस जारी किया है। यह नोटिस ₹3000 करोड़ के कथित लोन फ्रॉड से जुड़ा है, जो यस बैंक द्वारा रिलायंस ग्रुप की कंपनियों को 2017 से 2019 के बीच दिए गए लोन से संबंधित है। ED ने यह स्पष्ट किया है कि अनिल अंबानी अब जांच अधिकारी की अनुमति के बिना भारत नहीं छोड़ सकते। अगर वह विदेश यात्रा की कोशिश करते हैं तो उन्हें एयरपोर्ट या बंदरगाह पर तुरंत हिरासत में लिया जा सकता है।

5 अगस्त को होगी पेशी

ED ने अनिल अंबानी को पहले ही समन भेज दिया है और उन्हें 5 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। माना जा रहा है कि पूछताछ के दौरान ED उनके बैंकिंग लेनदेन, कंपनियों की फंडिंग और डायवर्जन के पूरे नेटवर्क की जानकारी लेने की कोशिश करेगी।

50 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी

पिछले हफ्ते ED ने इस केस के सिलसिले में मुंबई और दिल्ली समेत देशभर में 50 से ज्यादा लोकेशन पर छापेमारी की थी। छापों के दौरान वित्तीय दस्तावेज, लैपटॉप्स और डिजिटल डेटा जब्त किया गया। साथ ही 25 से अधिक लोगों से पूछताछ भी की गई, जिनमें ग्रुप के कर्मचारी, बैंक अधिकारी और चार्टर्ड अकाउंटेंट शामिल हैं।

फर्जी कंपनियों में फंड ट्रांसफर का आरोप

ED की शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि यस बैंक से मिले लोन को सीधे तौर पर बिज़नेस में उपयोग न करके, ग्रुप की अन्य कंपनियों और कुछ शेल (फर्जी) कंपनियों में ट्रांसफर किया गया। यह ट्रांसफर “फंड डायवर्जन” की श्रेणी में आता है, जो मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत अपराध है।

बैंक अधिकारियों की भूमिका भी जांच के घेरे में

सूत्रों के मुताबिक, ED को कुछ ऐसे सबूत भी मिले हैं जो बताते हैं कि यस बैंक के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को इन लोन को अप्रूव करने के बदले मोटी रिश्वत दी गई थी। ED अब उन अधिकारियों की भूमिका की भी गहराई से जांच कर रही है।

PMLA के तहत कार्रवाई

यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की धारा 17 के अंतर्गत की गई है। अगर अनिल अंबानी पर लगे आरोप सिद्ध होते हैं, तो उन्हें आर्थिक अपराधों से जुड़े गंभीर कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है, जिनमें संपत्ति की कुर्की और गिरफ्तारी भी शामिल है।

Exit mobile version