

दीपावली के लिए महज दो दिन शेष है। लेकिन दिल्ली-एनसीआर की हवा दमघोंटू हो गई है। वायु प्रदूषण चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है। गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली के कई इलाकों में AQI ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज हुआ है।
दिल्ली-यूपी में सांसों का संकट
New Delhi: दीवाली से पहले ही दिल्ली-एनसीआर की हवा खराब श्रेणी में पहुँच गई है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा कि हवा प्रदूषित हो गई है जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी और आंखों में जलन हो रही है। सरकार प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास कर रही है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में शाम 4 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 254 दर्ज किया गया, जो इसे खराब श्रेणी में रखता है। दिल्ली के 38 निगरानी केंद्रों में से पांच ने वायु गुणवत्ता को ''बेहद खराब'' श्रेणी में बताया।
दिल्ली में भी बढ़ते प्रदूषण से हालात नाजुक बने हुए हैं। आंकड़ों के अनुसार, आनंद विहार क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रदूषित रहा। यहां एक्यूआई 382 दर्ज किया गया। यह स्तर गंभीर श्रेणी में आता है वहीं, आनंद विहार के अलावा दिल्ली के वजीरपुर में 351, बवाना में 315 और मुंडका में 283 एक्यूआई रहा. इससे साफ है कि दिल्ली के कई इलाकों में लोग बहुत खराब से लेकर गंभीर श्रेणी की हवा में सांस लेने को मजबूर हैं।
एनसीआर के पड़ोसी शहरों में, गाजियाबाद में शुक्रवार को देश में सबसे खराब 306 एक्यूआई 'बहुत खराब' दर्ज किया गया। नोएडा (278) और गुरुग्राम (266) में भी 'खराब' वायु गुणवत्ता दर्ज की गई जबकि फरीदाबाद (105) 'मध्यम' श्रेणी में रहा। शुक्रवार को गाजियाबाद में भारत में सबसे प्रदूषित हवा रही, जबकि दिल्ली-एनसीआर समूह में आने वाले नोएडा, गुरुग्राम और दिल्ली अलग-अलग स्थानों पर देश के शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल रहे।
मौसम विभाग ने शनिवार सुबह हल्की धुंध छाए रहने का अनुमान जताया है। अधिकतम तापमान 33 डिग्री जबकि न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहने की संभावना है।
एम्स (AIIMS) के डॉक्टरों ने लोगों को सलाह दी गई है कि वे सुबह और शाम के समय वॉक से बचें। खासकर सांस के मरीज और बुजुर्ग इस समय में अपना बेहद ख्याल रखें। साथ ही, मास्क पहनने और घर के अंदर एयर प्यूरीफायर के इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है।
राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने 1 नवंबर से प्रदूषण फैलाने वाले कॉमर्शियल वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। आयोग ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के अधिकारियों को पराली जलाने के मामलों में सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं।