विश्व हृदय दिवस पर हिरानंदानी हॉस्पिटल, पवई में डॉक्टरों ने डीजेम्बे ड्रम की ताल पर हृदय स्वास्थ्य का महत्व समझाया। डॉक्टरों ने एकजुट होकर स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का संदेश दिया।

हॉस्पिटल में डीजेम्बे ड्रम सेशन
Mumbai: विश्व हृदय दिवस के अवसर पर डॉ. एल. एच. हिरानंदानी हॉस्पिटल, पवई में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें डॉक्टरों ने डीजेम्बे ड्रम की ताल पर अपनी एकजुटता जताई और हृदय स्वास्थ्य का महत्व रेखांकित किया। इस कार्यक्रम में 50 से अधिक डॉक्टर, चिकित्सा कर्मचारी और मरीज शामिल हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत डीजेम्बे की गूंजती हुई ताल से हुई, जो मानो किसी स्वस्थ हृदय की धड़कन जैसी प्रतीत हो रही थी। यह अनोखा संगीत सेशन डॉक्टरों के तनाव को कम करने के लिए एक सकारात्मक प्रयास था। डीजेम्बे की थाप ने उपस्थित सभी को मानसिक और शारीरिक तनाव से मुक्त करने का अनुभव कराया, जो हृदय रोगों के प्रमुख कारणों में से एक माना जाता है।
हिरानंदानी हॉस्पिटल में कार्यक्रम
डॉ. समीर कुलकर्णी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, हिरानंदानी हॉस्पिटल ने कहा, आज के समय में हृदय रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। युवाओं में भी हार्ट अटैक के मामले देखने को मिल रहे हैं, जिसका प्रमुख कारण मानसिक और शारीरिक तनाव है। डॉक्टरों का जीवन विशेष रूप से तनावपूर्ण होता है, इसलिए यह पहल उनकी भलाई के लिए अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने आगे कहा कि यह डीजेम्बे सेशन चिकित्सकों को अपने हृदय की देखभाल करने की याद दिलाने और व्यापक दर्शकों में हृदय स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास है। हॉस्पिटल की इस पहल से यह संदेश दिया गया कि व्यायाम और मानसिक शांति के जरिए हृदय को स्वस्थ रखा जा सकता है। कार्यक्रम में डॉक्टरों ने न केवल ताल बजाई, बल्कि इसके माध्यम से एकजुटता और सहयोग का भी संदेश दिया। यह सेशन मानसिक तनाव कम करने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा के रूप में काम आया।
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अस्पताल प्रशासन ने बताया कि इस तरह की गतिविधियां डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों के लिए एक संजीवनी की तरह हैं, जो उन्हें अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने और तनावमुक्त जीवन जीने के लिए प्रेरित करती हैं। डॉ. कुलकर्णी ने अंत में कहा, स्वास्थ्य की शुरुआत खुद की देखभाल से होती है। हम आशा करते हैं कि इस तरह की संगीतमय पहल न केवल हमारे अस्पताल में बल्कि पूरे समाज में हृदय रोगों को कम करने में सहायक सिद्ध होगी।
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