Sawan Somwar 2025 Date: कब से शुरू हो रहे हैं सावन सोमवार के व्रत? जानिए पूरी जानकारी

सावन का महीना शिवभक्ति, उपवास, जलाभिषेक और रुद्राभिषेक जैसे धार्मिक अनुष्ठानों से भरा रहता है। जानिए इस बार सावन कब से शुरू हो रहे हैं।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 25 June 2025, 2:08 PM IST
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नई दिल्ली: भगवान शिव के प्रिय मास सावन (श्रावण) का आगमन एक बार फिर शिवभक्तों के जीवन में आस्था और श्रद्धा की लहर लेकर आ रहा है। यह महीना शिवभक्ति, उपवास, जलाभिषेक और रुद्राभिषेक जैसे धार्मिक अनुष्ठानों से भरा रहता है। विशेष रूप से सावन सोमवार व्रत का इस मास में अत्यंत महत्व है, जिसे भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति और समस्त कष्टों से मुक्ति के लिए रखते हैं।

सावन माह का प्रारंभ 2025 में कब हो रहा है?

दृक पंचांग के अनुसार, सावन मास 2025 में 11 जुलाई (शुक्रवार) से आरंभ हो रहा है। इस दिन कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि तड़के 02:06 AM से शुरू होकर 12 जुलाई को 2:08 AM तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार, सावन मास की शुरुआत 11 जुलाई 2025 को मानी जाएगी।

सावन सोमवार 2025 व्रत लिस्ट

सावन (श्रावण) का महीना भगवान शिव की उपासना के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस माह में आने वाले सोमवार को व्रत और शिव पूजन का विशेष महत्व होता है। 2025 में सावन का महीना 14 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त तक रहेगा। इस दौरान कुल चार सोमवार पड़ेंगे।

सावन पहला सोमवार – 14 जुलाई 2025
सावन दूसरा सोमवार – 21 जुलाई 2025
सावन तीसरा सोमवार – 28 जुलाई 2025
सावन चौथा सोमवार – 4 अगस्त 2025

सावन सोमवार व्रत का महत्व

  • सावन सोमवार के दिन व्रत और पूजा विशेष पुण्यदायी मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद और बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं।
  • व्रत रखने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं
  • संतान प्राप्ति, विवाह बाधा निवारण, और आर्थिक समृद्धि के लिए विशेष फलदायी
  • यह व्रत पापों के क्षय और कष्टों से मुक्ति का भी मार्ग है
  • विशेष रूप से कांवड़ यात्रा करने वाले शिवभक्तों के लिए भी सावन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है

सावन सोमवार की पूजा विधि

  • सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें
  • व्रत का संकल्प लें और शिवलिंग पर जलाभिषेक करें
  • ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें
  • शिवजी को दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा आदि अर्पित करें
  • शाम को कथा-पाठ और आरती करें
  • दिन भर फलाहार या निर्जल व्रत रखें (सामर्थ्यानुसार)

डिस्क्लेमर: इस खबर में दि गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और पंचांगों पर आधारित है। व्रत-पूजन से पूर्व अपने गुरु या पंडित से परामर्श अवश्य लें।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 25 June 2025, 2:08 PM IST

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