Rama Ekadashi 2025: रमा एकादशी का व्रत कब रखें? 16 या 17 अक्टूबर? जानिए मुहूर्त और पूजा विधि का समय

कार्तिक मास की रमा एकादशी 17 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। एकादशी का पालन करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं। पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के अनुसार व्रत रखकर भक्त धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 15 October 2025, 1:43 PM IST
google-preferred

New Delhi: हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। हर महीने में दो बार एकादशी आती है, जिसमें कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी कहा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु को समर्पित है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति होती है।

रमा एकादशी दिवाली से पहले पड़ती है, इसलिए इसे मां लक्ष्मी की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार रमा एकादशी का पालन करने वाला व्यक्ति हजार अश्वमेध यज्ञ के समान फल प्राप्त करता है और उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।

रमा एकादशी 2025 का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार इस वर्ष रमा एकादशी 17 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को मनाई जाएगी। एकादशी तिथि 16 अक्टूबर की सुबह 10 बजकर 35 मिनट से शुरु होकर 17 अक्टूबर की सुबह 11 बजकर 12 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार यह व्रत 17 अक्टूबर को रखा जाएगा।

Rama Ekadashi

रमा एकादशी का व्रत कब रखें?

रमा एकादशी का पारण 18 अक्टूबर 2025, शनिवार को होगा। पारण का शुभ समय सुबह 6 बजकर 24 मिनट से लेकर 8 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। व्रत के दौरान अनाज, प्याज, लहसुन और सरसों के तेज का सेवन वर्जित है।

Devshayani Ekadashi: देवशयनी एकादशी से शुरू होगा चातुर्मास, जानिए महत्व, नियम और सावधानियाँ

रमा एकादशी की पूजा विधि

  • रमा एकादशी के दिन भक्त सुबह स्नान कर पीले या सफेद वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें और भगवान विष्णु तथा मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
  • पूजा के दौरान चंदन, फूल, तुलसी पत्र, धूप और दीप अर्पित करें और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें। इस दिन श्रीसूक्त या विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • व्रत के दिन महिलाएं दिनभर उपवास करती हैं और शाम को भगवान विष्णु की पूजा और रमा एकादशी की कथा सुनती हैं। अगले दिन शुभ मुहूर्त में जल अर्पित कर व्रत खोला जाता है।

धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ

रमा एकादशी का व्रत न केवल धार्मिक पुण्य दिलाता है, बल्कि यह मानसिक शांति, आध्यात्मिक विकास और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने का माध्यम भी है। शास्त्रों के अनुसार इस व्रत के पालन से व्यक्ति का मन पवित्र होता है और जीवन में समृद्धि आती है।

Indira Ekadashi 2025: आज इंदिरा एकादशी पर पितृ शांति और मोक्ष के लिए करें ये काम, मिलेगा आध्यात्मिक लाभ

रमा एकादशी के दिन पूजा करने और कथा सुनने से माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत उन सभी भक्तों के लिए एक संदेश है कि सच्चे मन और श्रद्धा के साथ किया गया उपवास जीवन में खुशहाली और सफलता लेकर आता है।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 15 October 2025, 1:43 PM IST