Rakshabandhan 2025: क्या इस पावन दिन व्रत रखना जरूरी है? जानें परंपरा और मान्यताएं

रक्षाबंधन 2025 इस बार 9 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा। जानिए क्या इस शुभ दिन पर व्रत रखना जरूरी है या नहीं और रक्षाबंधन से जुड़ी धार्मिक मान्यताओं व परंपराओं का महत्व क्या है।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 3 August 2025, 3:13 PM IST
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New Delhi: रक्षाबंधन का पर्व हिंदू धर्म में भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। यह त्योहार हर साल सावन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो 2025 में 9 अगस्त को शनिवार के दिन पड़ रही है। इसी दिन सावन माह का समापन भी होता है और राखी का त्योहार पूरे देशभर में उत्साहपूर्वक मनाया जाता है।

रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र (राखी) बांधती हैं और उनके सुख, समृद्धि और लंबी उम्र की कामना करती हैं। भाई भी अपनी बहनों को उपहार देते हैं और जीवनभर उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं। यह दिन परिवार, रिश्तों और आत्मीयता को मजबूत करने का प्रतीक होता है।

क्या रक्षाबंधन के दिन व्रत रखना चाहिए?

यह सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है कि रक्षाबंधन के दिन क्या व्रत रखना आवश्यक है? धर्मशास्त्रों के अनुसार, रक्षाबंधन के दिन व्रत रखना अनिवार्य नहीं है। यह दिन मुख्यतः पारिवारिक प्रेम, मिठाइयों और उत्सव का है। परंतु यदि किसी परिवार की परंपरा हो या किसी की आस्था हो, तो व्यक्ति इस दिन व्रत रख सकता है।

कुछ भाई-बहन भावनात्मक रूप से यह तय करते हैं कि वे राखी बंधवाने तक व्रत रखेंगे और उसके बाद भोजन करेंगे। यह परंपरा व्यक्तिगत श्रद्धा और स्नेह पर आधारित है, न कि किसी धार्मिक नियम पर। खासकर छोटे बच्चों या बुजुर्गों को व्रत के लिए बाध्य नहीं किया जाता।

व्रत कब और कैसे रखें?

यदि आप रक्षाबंधन के दिन व्रत रखना चाहते हैं, तो यह पूरी तरह आपकी इच्छा और शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता है। उपवास करते समय फलाहार या हल्का भोजन लिया जा सकता है। ध्यान रखें कि किसी भी तरह का व्रत आपके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव न डाले। जिनके परिवार में रक्षाबंधन पर व्रत रखने की परंपरा है, वे उसे पूरी श्रद्धा से निभा सकते हैं।

पर्व को प्रेम और उमंग से मनाएं

रक्षाबंधन का पर्व किसी कठोर धार्मिक अनुशासन से बंधा नहीं है। यह भावनाओं और रिश्तों का उत्सव है। इसलिए इस दिन का मुख्य उद्देश्य भाई-बहन के प्रेम को प्रकट करना है। राखी बांधने के बाद स्वादिष्ट भोजन, मिठाइयों और परिवार के साथ समय बिताना ही इस दिन की सबसे बड़ी पूंजी है।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 3 August 2025, 3:13 PM IST